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सुपौल: खेतों तक नहीं पहुंची बिजली, सिंचाई के लिए डीजल पंपसेट का इस्‍तेमाल कर रहे किसान

सुपौल में किसानों के खेतों तक बिजली नहीं पहुंच सकी है। इससे किसानों को डीजल पंपसेट से पटवन करना पड़ रहा है। बायसी पंचायत होकर गुजरने वाली मधेपुरा उपशाखा नहर से पूरब एवं दीनबंधी पंचायत के कई गांवों में...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 05:15 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 05:15 PM (IST)
सुपौल में किसानों के खेतों तक बिजली नहीं पहुंच सकी है।

संवाद सूत्र, करजाईन बाजार (सुपौल)। सुपौल जिले के करजाईन बाजार के रतनपुर एवं बायसी पंचायत होकर गुजरने वाली मधेपुरा उपशाखा नहर से पूरब एवं दीनबंधी पंचायत के चौहद्दी गांव से पश्चिम स्थित पूर्वी पलार पर खेतों तक आज तक बिजली लाइन नहीं पहुंचने से किसानों को भारी परेशानी हो रही है। ऐसी स्थिति में किसानों को अपनी खेती के लिए निजी नलकूप या मानसून पर ही निर्भर रहना पड़ता है या दो किलोमीटर दूर से बिजली का तार खींचकर खेतों तक लाना पड़ता है।

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इसके बाद बिजली चलित मोटर से खेतों की सिंचाई हो पाती है। ऐसे में किसानों को हर सीजन में फसलें खराब होने का खतरा बना रहता है। हैरानी की बात तो यह है कि आसपास के इलाकों में खेतों तक बिजली पहुंचा दी गई है, लेकिन इस क्षेत्र के किसान अपने खेतों तक बिजली के लिए टकटकी लगाए हुए हैं। बिजली के चलते सिंचाई सुविधा न होने के कारण किसानों को फसलों का उत्पादन भी नहीं मिलता है।

किसान शिवनारायण मेहता, गोपाल झा, प्रमोद यादव, अमर यादव, छोटकेन शर्मा, हरिकिशुन शर्मा, सत्यनारायण पासवान, रामू मंडल आदि ने बताया कि पूर्वी पलार पर बिजली नहीं पहुंचने से किसानों को सिंचाई में भारी परेशानी होती है। निजी पंपसेट से महंगे दामों में सिचाई करना पड़ता है या दो किलोमीटर से अधिक दूरी से बिजली लाकर मोटर चलाना पड़ता है लेकिन इसमें निगरानी नहीं रहने पर तार काटकर चोरी कर ली जाती है। किसानों ने बताया कि पूर्वी पलार क्षेत्र में केला एवं मकई की खेती बड़े पैमाने पर होती है।

केला एवं मकई की खेती में पानी की अधिक जरूरत पड़ती है। ऐसे में यहां अगर बिजली पहुंचा दी जाती है तो किसानों को खासी सुविधा होगी। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं किसानों ने बिजली विभाग के अधिकारियों से किसान हित में अविलंब पूर्वी पलार तक बिजली पहुंचाने की मांग की है।


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