Move to Jagran APP

स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाकर हुए सफल, जानिए... ऐसे लोगों की कहानी Bhagalpur News

स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाकर कई लोग आज सफल हैं। उनके आदर्शों में भारतीय संस्कृति के अलावा गरीबों को मुख्यधारा में लाने की योजना रहती है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 09:24 AM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 09:24 AM (IST)
स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाकर हुए सफल, जानिए... ऐसे लोगों की कहानी Bhagalpur News
स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाकर हुए सफल, जानिए... ऐसे लोगों की कहानी Bhagalpur News

भागलपुर, जेएनएन। हरियाणा के रोहतक की रहने वाली निधि रानी 2014 बैच की तेजतर्रार आइपीएस अधिकारी हैं। वे अभी नवगछिया की एसपी हैं। वे कहती हैं, मेरे जीवन को स्वामी विवेकानंद और सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचारों ने काफी प्रभावित किया।

loksabha election banner

निधि ने अपने विद्यार्थी जीवन से ही उनके आदर्शों पर चलने की भरपूर कोशिश की। स्वामी विवेकानंद को पढऩे के बाद उन्हें लगा कि उनके विचार विद्यार्थियों व युवाओं को प्रेरित करने वाले हैं। जब वे 2010 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में पढऩे गईं तो अपनी सीनियर को देखा कि वे सभी यूपीएसपी की तैयारी कर रही थीं। उनके मन में भी विवेकानंद की बात कौंधी-उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक तुम्हें तुम्हारे लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए। इस सूत्र वाक्य ने उन्हें अंदर से मजबूती प्रदान की। इसके बाद उन्होंने पिता राज सिंह अहलावत और मां को अपने लक्ष्य के बारे में बताया। पिता ने उन्हें पढ़ाने में पूरी मदद की। तब जाकर यह सफलता हाथ लगी है।

महिलाओं के लिए अब काफी अवसर

कहलगांव में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के पद पर कार्यरत रेशु कृष्णा पर स्वामी विवेकानंद के विचारों का गहरा प्रभाव है। वे कहती हैं, शिकागो में उनका दिया भाषण आज भी सबके लिए प्रेरणा है। रेशु पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम आजाद के उस कथन को भी आत्मसात की हुई हैं कि 'सपने वे नहीं होते जो आप सोने के बाद देखते हैं। सपने वो होते हैं, जो आपको सोने नहीं देते।' वह कहती हैं कि महिलाओं के लिए अवसर बढ़े हैं। स्वामी विवेकानंद चाहते थो नारी इतनी सबल हों कि खुद फैसले ले सके।

 

रेशु 2013 की 53वीं-54वीं बीपीएससी परीक्षा में महिलाओं में बिहार टॉपर रही थीं। वे पटना के कंकड़बाग की रहने वाली हैं। उन्होंने कहा कि उनके पड़ोस में ही आइपीएस अधिकारी सुनील कुमार रहते थे। उन्हें ही बचपन से देख आइपीएस बनने की ठान ली। यूपीएससी की तैयारी शुरू की। इसी बीच बीपीएससी की परीक्षा में सफलता मिल गई। वे अपने पिता रमेंद्र कृष्ण प्रसाद और मां को आदर्श मानती हैं। उनके पति डॉ. सौरभ कुमार भी आइपीएस अधिकारी हैं।

युवाओं को बना रहे मानवता के दूत

युवा हमारे देश की ताकत हैं। अगर दस युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ लिया जाए तो पूरे समाज को बदला जा सकता है। इसी सोच के साथ शहर के जानेमाने व्यवसायी मानव केजरीवाल अपने काम से अलग हटकर युवाओं से संवाद कर रहे हैं, उनमें सकारात्मक ऊर्जा भर रहे हैं। उन्हें मानवता के दूत बना रहे हैं। उनके द्वारा 'योजना घर' नाम से बनाए निशुल्क संस्था से अब तक 100 से अधिक युवा जुड़ चुके हैं।

इस संस्था का उद्देश्य सरकार की योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाना है। 'योजना घर' से जुड़े युवा घर-घर जाकर लोगों को योजनाओं की जानकारी देते हैं। केजरीवाल का मानना है कि हर युवा का कर्तव्य है कि हम अपने परिवार, समाज, शहर, राज्य और देश के प्रति छोटी से बड़ी जिम्मेदारियों को निर्वहन करे। इनके इस काम की प्रशंसा जिला प्रशासन ने भी की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.