बदल रहा है मौसम, संभलकर खाएं स्ट्रीट फूड
कैचवर्ड : खतरनाक -बरसात के मौसम में कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा -फास्ट फूड के कारण 60 की उम्र बीमारिया हो रहीं युवाओं को ----------------------- जागरण संवाददाता,
भागलपुर। सड़क किनारे मिलने वाले फास्ट फूड कितने स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक होंगे, यह तो उन्हें देख कर ही लोगों को समझ आ जाता है। बगल में गंदगी का अंबार और उसी जगह खुले में बन रहा खाना सारी स्थिति बया कर देता है। लेकिन उसके बाद भी लोग खाना नहीं छोड़ते। बरसात के मौसम में कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है और स्ट्रीट फूड बीमारियों को न्योता देते हैं। बदलते सामाजिक परिवेश और भाग-दौड़ भरी जिंदगी में बच्चों के साथ ही युवाओं में फास्ट फूड के प्रति तेजी से लगाव बढ़ रहा है। फास्ट फूड के कारण ही 60 या इससे ज्यादा उम्र में होने वाली बीमारिया अब युवाओं को अपनी चपेट में ले रही हैं और विशेषज्ञों का भी यही कहना है। खास कर बरसात के मौसम में बैक्टीरिया पनपने का खतरा बहुत ज्यादा होता है और यही वजह है की विशेषज्ञ स्ट्रीट फूड से दूरी बनाने की सलाह देते हैं।
कहा-कहा मिलते हैं स्ट्रीट फूड : स्टेशन रोड, कचहरी चौक, तिलकामांझी रोड, आदमपुर, सराय, नाथनगर चैक, मोजाहिदपुर, मिरजानहाट आदि।
--------
प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल खतरनाक
सड़क किनारे मिलने वाला खाने को प्लास्टिक के बर्तन में ही परोसा जाता है। जितना प्लास्टिक के बर्तनों का कम इस्तेमाल करेंगे, उतना ही सुरक्षित रह पाएंगे। विशेषज्ञ खाने को पैक करने और गर्म रखने के लिए प्लास्टिक का उपयोग बंद करने की सलाह देते हैं।
खुले में रखे हुए सब्जी और मास खाना है खतरनाक
कटी हुई सब्जियों को ज्यादा देर तक खुले में रखने से उनमें बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, लेकिन सड़क किनारे मिलने वाले खाने को बनाने के लिए दुकान वाले कितनी देर पहले से सब्जिया काट कर खुले में रख देते हैं, यह कहना मुश्किल है। बाहर का नॉन वेज खाने के लिए विशेषज्ञ सख्त मना करते हैं, क्योंकि मास में बैक्टीरिया बहुत ही तेजी से पनपता है।
स्ट्रीट फूड से तो जितनी दूरी बना कर रखें, उतना अच्छा है और बरसात के मौसम में तो अपनी सेहत के प्रति बहुत ही सजग रहने की जरूरत होती है। सड़क किनारे मिलने वाला खाना हाइजेनिक नहीं होता। साफ जगह पर पकाए हुए खाने का सेवन करें।
-डॉ. आलोक कुमार सिंह, फिजिशियन
---------------
स्ट्रीट फूड बहुत ही आसानी से उपलब्ध हो जाता है, इसलिए इसे खाना आसान रहता है। कॉलेज से निकल कर भूख लगने पर तुरंत मिलने वाला खाना स्ट्रीट फूड ही होता है, जो भूख 5 मिनट में मिटा देता है।
-अमित, छात्र
-----
पैरेंट्स मना करते हैं। अनहाइजेनिक खाना खाने से, लेकिन हर दिन घर से टिफिन लेकर कॉलेज जाना नहीं हो पाता। जिस कारण स्ट्रीट फूड खाना ही पड़ता है। जब भूख लगती है तो जगह देखकर खाना नहीं हो पाता, लेकिन कोशिश करता हूं जितना कम हो सके, उतना कम स्ट्रीट फूड का सेवन करूं।
-मनोज, छात्र