धुरी यादव हत्याकांड : युवा शक्ति का प्रदेश महासचिव राजकुमार गिरफ्तार, सीसीटीवी फुटेज जारी Bhagalpur News
बदमाशों ने 4 नवंबर 2019 की शाम करीब छह बजे धुरी यादव को गोली मारी। जिस समय उन्हें गोली मारी गई कई लोगों वहां मौजूद थे। धुरी यादव की हत्या का कारण पुरानी रंजिश और जमीन विवाद है।
भागलपुर [जेएनएन]। चिरंजीवी उर्फ धुरी यादव हत्याकांड में विशेष जांच दल (एसआइटी) ने पड़ोसी राजकुमार यादव को गिरफ्तार किया है। राजकुमार युवा शक्ति के प्रदेश महासचिव हैं। इसके अलावा मुंगेर जिले के नया रामनगर, चंदनपुरा निवासी सुमन कुमार को भी गिरफ्तार किया है। दोनों हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता के रूप में शामिल हैं। गत चार नवंबर को उर्दू बाजार में धुरी यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस पहले ही उर्दू बाजार निवासी किशोर यादव को गिरफ्तार कर चुकी है।
एसआइटी की कार्रवाई की जानकारी देते हुए एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि पुलिस ने गुरुवार को धुरी यादव को गोली मारने वाले तीन शूटरों का स्केच जारी किया है। एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर विशेषज्ञों से स्केच तैयार कराई गई है। ये तीनों हत्या के बाद वाजिद साह अली लेन होकर भाग रहे थे। तीन शूटरों में दो कमर में पिस्टल रखते हुए धुंधले दिख रहे हैं। एसएसपी ने कहा कि स्केच में दिख रहे संदिग्धों के बारे में कोई भी व्यक्ति उनके मोबाइल नंबर या एसआइटी के अन्य सदस्यों को सूचना दे सकते हैं। उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी। इनाम में पांच हजार रुपये दिए जाएंगे।
अपहरण कांड का सजायाफ्ता है राजकुमार, बेल पर था बाहर
धुरी हत्याकांड में गिरफ्तार हुआ राजकुमार यादव विश्वविद्यालय पुलिस चौकी के आशुतोष अपहरणकांड में सजायाफ्ता रहा है। उसे मामले में दोषी पाए जाने पर उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। वह हाइकोर्ट से जमानत पर बाहर था। बता दें कि 19 अगस्त 2008 को टीएनबी कॉलेज के बॉटीन विभाग के अध्यक्ष बिहपुर, नवगछिया निवासी कृष्ण चंद्र मिश्र के बेटे आशुतोष का अपहरण हो गया था। इस मामले में उन्होंने अज्ञात पर केस दर्ज कराया था। जांच में राजकुमार यादव समेत अन्य को आरोपित बनाया गया था। राजकुमार पर कुछ वर्ष पूर्व तिलकामांझी चौकी में तत्कालीन छात्र नेता वीरभद्र जीतू पर जानलेवा हमला करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। पुलिस को तकनीकी जांच में राजकुमार और सुमन के विरुद्ध अहम सुबूत हाथ लगे हैं। इस संबंध में पुलिस और भी ¨बदुओं पर जांच कर रही है। एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि एसआइटी को पुरस्कृत किया जाएगा।
उर्दू बाजार में धुरी यादव और राजकुमार यादव के बीच वर्चस्व की लड़ाई चलती थी। दोनों के बीच जमीन के कई विवाद थे। धुरी के हर काम में राजकुमार सीधे और पर्दे के पीछे से विरोध करता था। वहीं, सुमन कुमार, धुरी यादव के विरोधी राजा राम सिंह का अपना साला है। जेल में बंद राजा राम सिंह ने उर्दू बाजार में काली मंदिर के समीप स्थित भूखंड से एक कट्ठा जमीन राजकुमार के भाई धनंजय यादव को बेची थी। यह भी विवाद का एक कारण था। पुलिस इस पर जांच कर रही है।
पार्षद चुनाव में विरोधी गुट के साथ था धुरी का परिवार
वर्ष 2017 में वार्ड 16 से पार्षद के चुनाव में राजकुमार की पत्नी अमृता राज पतंग छाप पर खड़ी थी। उसके विरोध में वार्ड 14 के पूर्व पार्षद मु. बेला की बहन फरीदा आफरीन खड़ी हुई थी। चुनाव में धुरी यादव के परिवार ने फरीदा को ही अपना समर्थन दिया था। इस वजह से राजकुमार की पत्नी पार्षद चुनाव हार गईं थी। चुनाव हारने के बाद ही राजकुमार और धुरी यादव रिश्ते बिगड़ गए थे।