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सृजन घोटाला बिहार : कल्याण विभाग ने CBI को पहुंचाए कागजात, 2007 से 2017 तक का बैंक स्टेटमेंट से देख चौंके अधिकारी

Srijan scam Bihar भागलपुर में हुए इस बड़े घोटाले की लगातार जांच हो रही है। 2007 से 2017 तक के बैंक स्टेटमेंट की सीबीआइ डीएसपी ने मांग की थी। सृजन घोटाला को लेकर जिला कल्याण पदाधिकारी की ओर दर्ज कराया है केस।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Wed, 27 Jul 2022 10:02 AM (IST)Updated: Wed, 27 Jul 2022 10:02 AM (IST)
सृजन घोटाला बिहार : भागलपुर में हुए इस घोटाले की जांच हो रही है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। Srijan scam Bihar: कल्याण विभाग ने सीबीआइ को बक्सा भर कागजात पहुंचाया है। कल्याण विभाग के दो अधिकारी सोमवार को प्राइवेट गाड़ी से कागजात लेकर पटना गए थे। सीबीआइ के डीएसपी ने जिला कल्याण पदाधिकारी से 2007 से 2017 के बैंक स्टेटमेंट, महालेखाकार की आडिट रिपोर्ट सहित अन्य कागजात की मांग की थी। कागजात पहुंचाने का जिम्मा दो अधिकारियों को दिया गया था। दोनों अधिकारी कागजात पहुंचाकर लौट आए हैं।

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156 पारित विपत्र व बैंकर्स चेक के माध्यम से सृजन के खाते में गई थी राशि

जिला कल्याण विभाग की राशि 156 पारित विपत्र (वाउचर) व बैंकर्स चेक के माध्यम से सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते में गई थी। इन वाउचर व चेक से संबंधित पूरी जानकारी सीबीआइ ने जिला कल्याण विभाग से मांग चुकी है। सीबीआइ 99 करोड़ 88 लाख 69 हजार 830 रुपये के गबन की जांच शुरू कर दी है। सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के विभिन्न खाते में अवैध रूप से रुपये हस्तांतरित कर गबन कर लिया गया। इस मामले में सीबीआइ लगातार कल्याण विभाग से जानकारी एकत्र कर रही है। कई कागजात सीबीआइ ने पहले ही मंगा चुकी है।

221 करोड़ 60 लाख का घोटाला

कल्याण विभाग के 221 करोड़ 60 लाख रुपये सृजन महिला विकास सहयोग समिति के छह खातों में भेजे गए। सृजन के खाते में सरकारी राशि भेजने में कल्याण विभाग के अधिकारी व कर्मी के अलावा बैंक आफ इंडिया, बैंक आफ बड़ौदा व इंडियन बैंक के अधिकारियों व कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा कोतवाली में एफआइआर के लिए जो आवेदन दिया था, उसमें कहा गया है कि आरपी रोड स्थित बैंक आफ बड़ौदा शाखा, पटल बाबू रोड स्थित इंडियन बैंक शाखा और त्रिवेणी अपार्टमेंट स्थित बैंक आफ इंडिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक एवं संबंधित कर्मियों द्वारा सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड सबौर के अध्यक्ष, सचिव व अन्य कर्मियों के साथ मिलकर व धोखाधड़ी कर 156 पारित विपत्र, बैंकर्स चेक के माध्यम से 99 करोड़ 88 लाख 69 हजार 830 रुपये सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के विभिन्न खाते में अवैध रूप से हस्तांतरित कर गबन कर लिए गए। बैंक आफ बड़ौदा शाखा में 110 पारित विपत्र, बैंकर्स चेक के माध्यम से 82 करोड़, 36 लाख, 77 हजार 718 रुपये जिला कल्याण पदाधिकारी के नाम से भुगतेय था, को सृजन संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव व अन्य कर्मियों के साथ बैंक के शाखा प्रबंधक एवं अन्य संबंधित कर्मियों द्वारा मिलीभगत कर अवैध तरीके से सृजन के विभिन्न खातों में हस्तांतरण कर गबन कर लिया गया। इंडियन बैंक में 33 पारित विपत्र, बैंकर्स चेक के माध्यम से दस करोड़ 60 लाख 58 हजार चार सौ रुपये सृजन के खाते में हस्तांतरित कर गबन कर लिए गए। बैंक आफ इंडिया में 11 पारित विपत्र व बैंकर्स चेक के माध्यम से दो करोड़ 91 लाख 33 हजार 712 और कार्यालय से जारी दो चेक संख्या 725527 से दो करोड़ व चेक संख्या 755931 से दो करोड़ रुपये अवैध तरीके से सृजन के खाते में जमा करा दिए गए। इसमें बैंक अधिकारियों व कर्मियों के अलावा सृजन के पदधारकों की मिलीभगत रही है।

2017 में दर्ज हुई थी पहली प्राथमिकी

सृजन घोटाला उजागर होने के बाद पहली प्राथमिकी सात अगस्त 2017 को जिला नजारत शाखा के नाजिर ने दर्ज कराई थी। इसके बाद कई विभागों की जांच में अवैध निकासी का बड़ा मामला सामने आया था। जिला कल्याण विभाग से 221 करोड़ 60 लाख रुपये की अवैध निकासी का मामला सामने आया था। एजी की आडिट रिपोर्ट में भागलपुर में रहे जिला कल्याण पदाधिकारी रामलला सिंह, राम ईश्वर शर्मा, ललन कुमार सिंह और अरुण कुमार के कार्यकाल में अवैध निकासी की बात सामने आई थी। 121 करोड़ 71 लाख 61 हजार रुपये की अवैध निकासी को लेकर 2017 में दो प्राथमिकी हो चुकी है। प्राथमिकी के बाद महालेखाकार ने 2007 से 2017 तक की जांच कराई। जांच के बाद अवैध निकासी का दायरा बढ़कर 221.60 करोड़ रुपये हो गया। लगभग सौ करोड़ रुपये की अवैध निकासी को लेकर दिसंबर 20 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।


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