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सृजन घोटाला भागलपुर : जिला परिषद ने बैंक ऑफ बड़ौदा पर किया मनी सूट, बैंकों ने मांगे कागजात

सृजन घोटाला मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। जिला परिषद ने सीबीआइ को सभी कागजात सौंप दिए है। सीबीआइ अधिकारी स्थल पर आकर भी जांच कर चुकी है। घोटाले में शामिल कर्मियों पर विभागीय कार्यवाही भी चल रही है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 02:26 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 02:26 PM (IST)
सृजन घोटाला भागलपुर : 79 करोड़ की वसूली के लिए ऑनलाइन मामला दर्ज कराया गया है।

भागलपुर, जेएनएन। सृजन घोटाला मामले में जिला परिषद ने 79 करोड़ रुपये की वसूली के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा पर मनी सूट दाखिल कर दिया है। मंगलवार को ऑनलाइन मामला दर्ज कराया गया। इससे पहले जिला परिषद की ओर से इंडियन बैंक से 39 करोड़ 97 लाख 65 हजार 372 रुपये की वसूली के लिए पिछले वर्ष ही मनी सूट दाखिल कर चुका है।

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स्टेट बैंक से क्लीयरेंस स्टेटमेंट नहीं मिलने के कारण बैंक ऑफ बड़ौदा के विरुद्ध मनी सूट दाखिल नहीं नहीं हो पा रहा था। जिला परिषद की ओर से बैंक ऑफ बड़ौदा से क्लीयरेंस स्टेटमेंट की मांग की गई थी। वहां से स्टेटमेंट मिलते ही जिप ने मनी सूट ने दाखिल कर दिया।

अगस्त 2017 में हुआ था घोटाला उजागर

अगस्त 2017 में तत्कालीन जिलाधिकारी आदेश तितरमारे के हस्ताक्षर वाला एक चेक बैंक ने वापस कर दिया था। बैंक ने कहा था कि खाते में पर्याप्त रुपये नहीं हैं। इसके बाद डीएम ने जांच के लिए कमेटी बनाई। जांच में पता चला कि इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा स्थित सरकारी खातों में रुपये नहीं हैं। इसकी जानकारी राज्य सरकार को दी गई है। इसके बाद घोटाले की परतें खुलनी शुरू हो गई। लगभग 21 सौ करोड़ के गबन उजागर हुआ।

सरकारी राशि की होती थी हेराफेरी

कई सरकारी विभागों की रकम सीधे विभागीय खातों में न जाकर, सृजन महिला विकास सहयोग समिति के छह खातों में ट्रांसफर कर दी जाती थी। फिर इस एनजीओ के कर्ताधर्ता जिला प्रशासन और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी राशि की हेराफेरी करते थे।

सृजन घोटाला मामले में बैंकों ने मांगे कागजात

सृजन घोटाला मामले में मंगलवार को नीलाम पत्र पदाधिकारी सुनील कुमार ने सुनवाई की। डीआरडीए ने राशि की वसूली के लिए बैंकों के खिलाफ नीलाम पत्र वाद दाखिल किया है।

सुनवाई के दौरान बैंक की ओर से अधिवक्ता केशव झा ने लेन-देन का ब्योरा और बैंक काउंटर की जमा पर्ची की पावती उपलब्ध कराने कहा। इस पर डीआरडीए की ओर से बैंकों को कहा गया कि भारत सरकार की संवैधानिक इकाई प्रधान महालेखाकार (लेखा परीक्षा) की रिपोर्ट के आधार पर नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है। महालेखाकार की रिपोर्ट बैंकों को उपलब्ध कराई जा चुकी है। बैंकों की ओर से जो कागजात मांगे गए हैं, उसका नीलाम पत्र वाद से कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि बैंकों द्वारा जो कागजात मांगे गए हैं, उसे सीबीआइ ने जांच करने के लिए सीज कर लिया है। सीबीआइ द्वारा कागजात लौटाए जाने के बाद यह बैंकों को उपलब्ध करा दिया जाएगा।

सृजन घोटाला मामले में डीआरडीए ने राशि की वसूली के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक पर नीलाम पत्र वाद दायर किया है। डीआरडीए ने इंडियन बैंक के विरुद्ध 49 करोड़ 64 लाख रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा के विरुद्ध 40 करोड़ 18 लाख रुपये वसूली के लिए नीलाम पत्र वाद किया है।


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