सीबीआइ ने मांगी 'सृजन भवन' निर्गत आदेश की संचिका
सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने सबौर स्थित सृजन संस्था का कार्यालय ट्राइसेम भवन निर्गत करने संबंधी आदेश का पत्र और इससे जुड़ी संचिका की मांग जिला प्रशासन से की है।
भागलपुर। सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने सबौर स्थित सृजन संस्था का कार्यालय ट्राइसेम भवन निर्गत करने संबंधी आदेश का पत्र और इससे जुड़ी संचिका की मांग जिला प्रशासन से की है। जांच एजेंसी अवैध निकासी के सभी पहलुओं की गहराई से जांच कर रही है। जांच के दौरान किंगपिन तक पहुंचने के लिए सीबीआइ सुबूत जुटा रही है।
सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड को वर्ष 2004 में कार्यालय संचालन के लिए ट्राइसेम भवन का निर्माण कराकर किराए पर दिया गया था। सृजन संस्था को यह भवन 30 साल की लीज पर दिया गया था। इसका वार्षिक किराया दो हजार चार सौ रुपये था। किराये का भुगतान सृजन संस्था के द्वारा वार्षिक किया जाता था। 2004 में लीज पर देने के बाद किराए का संशोधन भी नहीं हुआ था। सीबीआइ को यह जानकारी है कि ट्राइसेम भवन को जब लीज पर दिया गया था उस समय भागलपुर में केपी रमैया डीएम थे। सीबीआइ के पत्र के बाद संबंधित संचिका की खोज जिला स्तर पर कई विभागों में की गई है लेकिन अभी तक इससे संबंधित न तो संचिका मिल रही है न ही वह पत्र मिला है। चर्चा है कि पूर्व डीएम ने जो आदेश दिया था उसका पत्र संख्या 263 है। सीबीआइ की मांग के बाद पत्र की खोज सबौर कार्यालय में भी की गई थी।
ट्राइसेम भवन में था सृजन का कार्यालय :
जानकारी मिली है कि सृजन संस्था का कार्यालय पहले संचालिका मनोरमा देवी के आवास पर संचालित होता था। अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर संस्था की संचालिका ने सरकारी खर्चे से ट्राइसेम भवन का निर्माण कराकर उसे किराए पर ले लिया था। ट्राइसेम भवन में ही सृजन ने अपना कार्यालय खोला और वहां महिला बैंक स्थापित किया तथा महिलाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से छोटे-छोटे कारोबार प्रारंभ किया गया। सृजन संस्था के इस कार्यालय भवन में नौकरशाह और राजनीतिक दलों के नेता आते थे। सहकारिता विभाग की ओर से सृजन संस्था को कई तरह से सहायता भी मिलती थी।
जुटाए जा रहे हैं साक्ष्य :
इससे पूर्व सीबीआइ उस पत्र की मांग कर चुकी है जिसमें पूर्व डीएम रमैया ने प्रखंडों को सृजन संस्था में खाता खोलने का निर्देश दिया था। इस पत्र की छायाप्रति सीबीआइ को मिली थी लेकिन मूल चिट्ठी और संचिका नहीं मिली। इस आशय का जवाब सीबीआइ के दिल्ली स्थित कार्यालय को दिया गया था। अब सृजन संस्था के कार्यालय भवन से संबंधित संचिका या पत्र का भी यही हश्र होने की उम्मीद है।