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सोने के दौरान खर्राटे लेना यानी खतरा.... अब भागलपुर में भी इसका इलाज संभव, जानिए

स्लीप एप्रिया एक गंभीर नींद विकार है। यह तब होता है जब नींद के दौरान किसी भी व्यक्ति को सांस लेने और श्वसन कार्य में बाधा पहुंचती है। लोगों को यह पता नहीं है कि यह एक बीमारी है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 10:41 AM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 10:41 AM (IST)
सोने के दौरान खर्राटे लेना यानी खतरा.... अब भागलपुर में भी इसका इलाज संभव, जानिए
सोने के दौरान खर्राटे लेना यानी खतरा.... अब भागलपुर में भी इसका इलाज संभव, जानिए

भागलपुर [जेएनएन]। खर्राटा आम बीमारी है। नींद में खर्राटा लेने से पास सोए व्यक्ति भी परेशान रहता है। यह बीमारी खतरनाक भी है। जून में एसोसिएशन ऑफ ऑटो लैरिंगोलॉजिस्ट भागलपुर शाखा द्वारा जेएलएनएमसीएच ईएनटी विभाग में कार्यशाला का आयोजन किया गया है। अस्पताल में पहली बार ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया और खर्राटे की सर्जरी इंडोस्कोपिक विधि से की जाएगी।

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आयोजित प्रेसवार्ता में ईएनटी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि जून में कार्यशाला का आयोजन किया गया है। मुंबई के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. विकास अग्रवाल द्वारा इंडोस्कोपिक विधि से ऑपरेशन किया जाएगा। ऑपरेशन के लिए अबतक सात मरीजों का चयन किया गया है। डॉ. सिंह ने बताया कि सांस की नली में सूजन और रुकावट की वजह से समुचित ऑक्सीजन नहीं जाने से नींद में व्यक्ति खर्राटा लेता है। लोगों को यह जानकारी नहीं है कि यह एक बीमारी है। जिस व्यक्ति का गर्दन छोटा है, जीभ और गला में चर्बी जमा होने की वजह से खर्राटे की बीमारी होती है। मोटापा भी एक कारण है।

डॉ. धर्मेद्र कुमार ने कहा कि स्लीप एप्रिया एक गंभीर नींद विकार है। यह तब होता है जब नींद के दौरान किसी भी व्यक्ति को सांस लेने और श्वसन कार्य में बाधा पहुंचती है। लोगों को यह जानकारी नहीं है कि यह एक बीमारी है। नींद के दौरान प्रर्याप्त ऑक्सीजन शरीर में नहीं जाता। ऑपरेशन द्वारा जीभ के पीछे का पार्ट और सांस की नली के उपरी भाग को ऑपरेशन द्वारा पतला किया जाता है। प्रेसवार्ता में डॉ. वरुण ठाकुर, डॉ. एचआइ फारुख और प्रखर उपाध्याय उपस्थित थे।

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