स्मार्ट सिटी भागलपुर : बोले बीसीई प्राचार्य- विवादों से लेना-देना नहीं, मैं तो सिर्फ जांच के लिए गया था
बीसीई प्राचार्य ने कहा अनुरोध पर जांच के लिए गया था सैंडिस विवादों से लेना-देना नहीं। प्रमंडलीय आयुक्त के बयानों के बाद गर्मा गया है माहौल। 14 दिसंबर को पीडीएमसी भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने बीसीई को लिखा था जांच के लिए अनुरोध पत्र।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। सैंडिस कंपाउंड में स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे निर्माण कार्यों की जांच में हुए विवाद पर भागलपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (बीसीई) के प्राचार्य डॉ. निर्मल कुमार ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा है कि कॉलेज के एक्सपर्ट और वे खुद भी स्मार्ट सिटी द्वारा अनुरोध पत्र पर ही जांच के लिए सैंडिस कंपाउंड गए थे। प्राचार्य ने कहा कि इसके लिए उन्हें 14 दिसंबर को पीडीएमसी, भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के टीम लीडर पीएन सिन्हा का अनुरोध पत्र मिला था।
जिसमें जिक्र किया गया था कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत मेसर्स सिंहल इंटरप्राइजेज द्वारा निर्माण कार्य और सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है। कंपनी द्वारा जिस सामग्रियों का इस्तमाल किया जा रहा उसकी गुणवत्ता क्या है, इसकी जांच के लिए लिखा गया था। बीसीई प्राचार्य ने प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा लगाए गए आरोप पर कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा वे खुद सरकारी सेवा में हैं, इस कारण कुछ कहना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि जिले में हो रहे कार्य से उन्हें क्या मतलब, उनसे अनुरोध किया गया तो वे गए।
बता दें कि स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे निर्माण कार्य में घटिया सामग्री के इस्तमाल की खबर लगातार प्रकाश में आ रही है। इस लेकर प्रमंडलीय आयुक्त ने पूरे मामले में सफाई देने के लिए सोमवार को अपने कार्यालय में प्रेसवार्ता की। जहां उन्होंने ठीकेदार द्वारा घटिया सामग्रियों के इस्तमाल को सिरे से नकार दिया। उन्होंने बीसीई प्राचार्य द्वारा सामग्रियों की जांच के लिए पहुंचने पर भी आपत्ति जताते हुए उनके विरूद्ध कार्रवाई की बात कही थी। इसके अलावा उन पर तीखी टिप्पणियां की। उन्हें और उनके सदस्यों पर सैंडिस से सामग्रियों को चुराने का आरोप लगाते हुए ठीकेदार को केस दर्ज कराने के लिए भी कहा।