धुरी यादव हत्याकांड : DIG खुद कर रहे मॉनिटरिंग, जेल में बंद अपराधियों से SIT करेगी पूछताछ Bhagalpur News
बदमाशों ने 4 नवंबर 2019 की शाम करीब छह बजे धुरी यादव को गोली मारी। जिस समय उन्हें गोली मारी गई कई लोगों वहां मौजूद थे। लेकिन पुलिसिया जांच में कोई भी कुछ नहीं बता रहे।
भागलपुर [जेएनएन]। धुरी यादव हत्याकांड में चार दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस हत्या के कारणों को लेकर अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। परिजनों ने इस मामले में अज्ञात पर केस दर्ज कराया है। हालांकि, पुलिस इस मामले में तकनीकी जांच के आधार पर संदिग्धों की सूची तैयार कर रही है।
डीआइजी कर रहे मॉनीटरिंग
धुरी हत्याकांड को लेकर डीआइजी विकास वैभव ने कहा कि मामले की जांच कर रही एसआइटी से लगातार संपर्क में हैं। इस मामले की वे खुद मानीटरिंग कर रहे हैं। एसआइटी का नेतृत्व कर रहे सिटी एसपी को कई बिंदुओं पर जांच का निर्देश दिया गया है। डीआइजी ने कहा कि इसकी समीक्षा दो दिन पहले हुई थी। एक हफ्ते बाद फिर पूरे मामले की समीक्षा की जाएगी।
जांच के लिए धुरी के घर पहुंची एसआइटी, भाई से ली जानकारी
केंद्रीय काली महारानी पूजा महासमिति के महामंत्री चिरंजीवी यादव उर्फ धुरी यादव हत्याकांड की जांच के लिए एसआइटी उर्दू बाजार पहुंची। एसआइटी का नेतृत्व कर रहे सिटी एसपी सुशांत कुमार सरोज पहले धुरी के लीची बगान स्थित घर पर गए। इसके बाद उर्दू बाजार, ठाकुरबाड़ी गली स्थित पुराने घर पहुंचे। सिटी एसपी ने धुरी के छोटे भाई शिशुपाल भारती से भी जानकारी ली।
पुलिस जमीन विवाद से भी जोड़कर की जांच कर रही है। अब तक इससे संबंधित जो जानकारी पुलिस को हाथ लगी है, उसे गुप्त रखा गया है। जिन लोगों को पुलिस ने शक के दायरे में रखा है, उनमें कुछ लोग जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर धुरी यादव के नजदीकी रह चुके हैं। ऐसे में पुलिस जमीन मामलों में भी अलग-अलग बिंदुओं पर जांच कर रही है।
शहर या आसपास के अलावा अन्य जिलों में भी जिन लोगों से जमीन को लेकर धुरी का विवाद था, उसके बारे में एसआइटी जानकारी जुटा रही है।बता दें कि धुरी यादव पूजा समिति में रहने के साथ जमीन का भी बड़ा कारोबार करते थे। कई जगहों पर जमीन को लेकर उनका विवाद भी था।
शूटरों को उर्दू बाजार में मिला था संरक्षण
धुरी यादव की हत्या में शामिल शूटरों को उर्दू बाजार में ही किसी विरोधी ने संरक्षण दिया था। जिस तरह से शूटरों ने घटना को अंजाम दिया था, इससे यह स्पष्ट है कि उन्हें उर्दू बाजार के हर गली मोहल्ले के बारे में पूरी जानकारी थी। इसके बाद ही शूटरों ने धुरी यादव को गोली मारने के बाद वाजिद अली लेन की तरफ भागे। जो रास्ता काफी संकरी गलियों वाला है। शूटरों को इस बात का पता था कि वाजिद अली लेन के बाद कई रास्ते अलग अलग इलाकों की तरफ जाते हैं। इस कारण उसी रास्ते का उन्होंने प्रयोग किया। पुलिस इन बिंदुओं पर भी जांच कर रही है।
जेल में बंद बदमाशों से भी एसआइटी करेगी पूछताछ
सेंट्रल और कैंप जेल में बंद कुछ बदमाशों से भी धुरी हत्याकांड की जांच कर रही एसआइटी पूछताछ करेगी। पुलिस ने कुछ लोगों को चिन्हित किया है, जो पहले धुरी के साथ थे, बाद में वे उसके उनके विरोधी हो गए।