सोमवार को जल चढ़ाने 10 हजार डाक कांवरिये अजगवीनाथ से बाबाधाम गए
अपने अंतिम सप्ताह में प्रवेश कर रहे श्रावणी मेले में अभी भी श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है।
भागलपुर। अपने अंतिम सप्ताह में प्रवेश कर रहे श्रावणी मेले में अभी भी श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है। रविवार को एक लाख 87 हजार 189 शिवभक्तों ने उत्तरवाहिनी गंगा सुल्तानगंज में स्नान कर जलपात्र में जल भरा और कावर लेकर बाबाधाम के लिए रवाना हो गए। कांवरियों ने 10 हजार डाक बम शामिल हैं। ये डाकबम सोमवार को बाबाधाम में शिव पर जलाभिषेक करेंगे। हालांकि सामान्य बम बुधवार और गुरुवार को देवघर पहुंचेंगे।
मुख्य मेला नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार चौथी सोमवारी को डाकजल चढ़ाने के लिए 307 महिला श्रद्धालुओं सहित 9 हजार 663 शिवभक्त डाक कांवरिया बनकर गए। वहीं 39 हजार 647 महिलाओं सहित एक लाख 77 हजार 526 शिवभक्तों ने सामान्य कांवरिया बनकर बाबाधाम की यात्रा प्रारंभ की।
कच्चे घाटों पर स्नान कर रहे कांवरिये
गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे नीचे उतरने के कारण श्रद्धालुओं के सामने एक बार फिर कच्चे घाटों पर ही स्नान करना हो रहा है। पक्की सीढ़ी घाट का बैरिकेडिंग हटा लिया गया है। जबकि कच्चे घाटों पर फिर से बैरिकेडिंग किया जा रहा है, लेकिन बैरिकेडिंग कार्य काफी सुस्त चल रहा है। ऐसे में स्नान के दौरान कावरियों की सुरक्षा पूरी तरह एसडीआरएफ की टीम के जिम्मे है। करीब आठ साल बाद फिर से बाबाधाम जाने के लिए यहां आए पश्चिम बंगाल वीरपाड़ा के श्यामलाल अग्रवाला ने बताया कि यहां की व्यवस्था पिछले कुछ वर्षो की तुलना में बेहतर नहीं है। उन्होंने बताया कि वे शनिवार से यहा थे और जितनी बार जितने घटों के लिए बिजली गुल हुई कम से कम इसकी तो कल्पना ही नहीं की थी। बड़ी संख्या में कावरिये फिर से टूटी सड़कों वाले कच्चे घाटों पर जाने को विवश हैं। वहा पानी में डूबी सड़क का टूटा हिस्सा नहीं दिखने के कारण दर्जनों कावरिए जख्मी हो रहे हैं।
प्रशासनिक दावा फेल
श्रावणी मेले में प्रशासन के द्वारा किया हुआ सारा दावा फेल होता दिख रहा है। कावरियों की मॉनिटरिंग के लिए कोई भी तैयार नहीं हैं। कावरिया अपनी मर्जी और सहूलियत के हिसाब से जो रास्ता चुन लेते हैंए वही कावरिया पथ बन जाता है। मेला शुरू होने के बाद से ही कृष्णगढ़ मोड़ से आगे रेलवे ओवरब्रिज के नीचे से हजारों कावरिया रोज रेल की पटरी पार कर जा रहे हैं। ऐसे में कभी भी कोई दुर्घटना घट सकती है। बावजूद इसके प्रशासन इस मुद्दे पर उदासीन है। रेलवे ओवरब्रिज के नीचे मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। लेकिन वे उक्त स्थल पर अपनी मौजूदगी को ही अपनी ड्यूटी समझ रहे हैं। नगर परिषद के द्वारा भी ओवर ब्रिज के नीचे साफ सफाई नहीं की जा रही है। जिससे गंदगी के बीच कावरिया यात्रा करने पर मजबूर हैं। सबसे अधिक परेशानी इस ओर से गुजरने वाले दाडी बम को हो रही है। ओवर ब्रिज के नीचे रेल पटरी पार कर रहे कावरिये
श्रावणी मेले में प्रशासन के द्वारा किया हुआ सारा दावा फेल होता दिख रहा है। कावरियों की मॉनिटरिंग के लिए कोई भी तैयार नहीं हैं। कावरिया अपनी मर्जी और सहूलियत के हिसाब से जो रास्ता चुन लेते हैं। मेला शुरू होने के बाद से ही कृष्णगढ़ मोड़ से आगे रेलवे ओवरब्रिज के नीचे से हजारों कावरिया रोज रेल की पटरी पार कर जा रहे हैं। ऐसे में कभी भी कोई दुर्घटना घट सकती है। बावजूद इसके प्रशासन इस मुद्दे पर उदासीन है। रेलवे ओवरब्रिज के नीचे मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। लेकिन वे अपना काम ढंग से नहीं कर रहे। नगर परिषद के द्वारा भी ओवर ब्रिज के नीचे साफ सफाई नहीं की जा रही है। जिससे गंदगी के बीच कावरिया यात्रा करने पर मजबूर हैं। सबसे अधिक परेशानी इस ओर से गुजरने वाले दाडी बम को हो रही है। भाजपाइयों ने डाकबमों में बाटे फल और शर्बत
कच्ची कावरिया पथ पर भाजपा जिला प्रवक्ता पवन मिश्रा ने अपने कावरिया शिविर में रविवार को जा रहे डाक कावरियों को फल आइसक्रीम शरबत और नींबू चाय का वितरण किया गया। उन्होंने बताया कि मेला समाप्त होने के पूर्व एक सास्कृतिक कार्यक्त्रम का भी आयोजन शिविर स्थल पर करवाया जाएगा। इस अवसर पर विजय कुमार सिंह, विजय कुशवाहा, हर्षनाथ मिश्रा, संजय चौधरी आदि मौजूद थे।