यौन शोषण का केस दर्ज नहीं करने पर बुरे फंसे थानाध्यक्ष, न्यायाधीश ने किया तलब
शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने मामले में एक छात्रा ने थाने में शिकायत करने एक फरवरी 2020 को गई थी। उसकी थाने ने शिकायत नहीं सुनी गई। अब न्यायाधीश ने उसे तलब किया है।
भागलपुर, जेएनएन। भागलपुर पुलिस का एक और कारनामा प्रकाश में आया है। इस संबंध में न्यायाधीश को संज्ञान लेना पड़ा। एक छात्रा, जिसके साथ लगातार यौन शोषण हुआ, उसकी प्राथमिकी जिले के शाहकुंड थाना में दर्ज नहीं की गई। वहां के थानेदार ने पीडि़त पक्ष को लगतार बरगलाया।
जानकारी के अनुसार, शाहकुंड के सजौर की रहने वाली छात्रा से यौन शोषण मामले में कोर्ट के आदेश की नाफरमानी में शाहकुंड थानाध्यक्ष बुरे फंस गए हैं। पॉक्सो मामले के विशेष न्यायाधीश एमपी सिंह ने शाहकुंड थानाध्यक्ष को स-शरीर तलब कर लिया है। थानाध्यक्ष को नौ सितंबर को उपस्थित होकर जवाब देना है कि किस परिस्थिति में उन्होंने पीडि़ता का केस दर्ज नहीं किया।
पीडि़त छात्रा ने शपथ पत्र के साथ न्यायालय से की थी शिकायत
शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने मामले में छात्रा ने शीलन सिंह समेत अन्य के विरुद्ध थाने में शिकायत करने एक फरवरी 2020 को गई थी। उसकी शिकायत नहीं सुनी गई। उसे दूसरे दिन आने को कहा गया। लेकिन उसकी शिकायत पर केस दर्ज नहीं किया गया। छात्रा और उसके परिजन परेशान हो न्यायालय में इसकी शिकायत की थी। न्यायालय में छात्रा ने शपथ पत्र देकर अपने साथ हुई ज्यादती की जानकारी दे आरोपितों के विरुद्ध केस दर्ज करने की गुहार लगाई थी। इसके एवज में उसने अदालत के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत किए थे। मामले में अदालत ने पांच मार्च 2020 को न्यायालय ने केस दर्ज करने का निर्देश थानाध्यक्ष शाहकुंड को दिया था। उस मामले में केस दर्ज नहीं करने को न्यायालय ने गंभीरता से लिया है।
सजौर के मरचिरमा गांव के रहने वाले हैं तीनों आरोपित
यौन शोषण मामले में शाहकुंड के सजौर क्षेत्र स्थित मरचिरमा गांव के तीन आरोपित बनाए गए हैं। जिनमें शीलन सिंह, उसके पिता अशोक सिंह और उसकी मां शामिल हैं।
मुख्य बातें
- पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश ने शाहकुंड थानाध्यक्ष को किया तलब
- पांच मार्च 2020 को केस दर्ज करने का दिया गया था निर्देश