पुलवामा हमले में शहीद रतन ठाकुर की पत्नी ने पुत्र को दिया जन्म, पिता के इच्छा से रखा नाम
राजनंदनी ने बताया कि जब पति रतन ठाकुर छुट्टियों में घर आए तो होने वाले बच्चे का नाम रचित रखा था। उन्हें पुत्र होने की ही उम्मीद थी। यहीं नाम भी रहेगा।
भागलपुर [जेएनएन]। पुलवामा हमले में शहीद हुए सन्हौला प्रखंड के रतनपुर निवासी रतन ठाकुर की पत्नी राजनंदनी देवी ने छह अप्रैल को तड़के पौने चार बजे पुत्र को जन्म दिया। प्रसव दर्द होने पर उसे पांच अप्रैल की रात करीब साढ़े 12 बजे स्थानीय हीलिंग टच हॉस्पीटल में भर्ती किया गया। जहां डॉ. प्रतिभा सिंह ने नार्मल डिलीवरी कराई। आठ माह में प्रसव होने की वजह से नवजात को सांस लेने में परेशानी होने से उसे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार सिंह के यहां भर्ती किया गया है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रतिभा सिंह ने कहा कि राजनंदनी देवी की जांच, डिलीवरी और बेड निश्शुल्क दिए गए। साथ ही दवाइयां भी दी गईं। उन्होंने कहा कि पहले लड़का का जन्म भी यहीं हुआ था। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि नवजात का वजन दो किलोग्राम है। उसे सांस लेने में परेशानी हो रही है। चिकित्सक की निगरानी में रखा गया है। शहीद के पिता को सारी जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि शहीद के गांव के बच्चों को निश्शुल्क परामर्श देने का वादा किया गया है।
पिता ने ही नाम रखा था रचित
राजनंदनी ने बताया कि जब पति रतन ठाकुर छुट्टियों में घर आए तो होने वाले बच्चे का नाम रचित रखा था। उन्हें पुत्र होने की ही उम्मीद थी। यहीं नाम भी रहेगा। बड़ा पुत्र कृष्णा का स्थानीय माउंट असीसि स्कूल में नर्सरी में नामांकन किया गया है।
दोनों पोते को पुलिस अधिकारी बनाऊंगा
रतन ठाकुर के पिता राम निरंजन ठाकुर ने कहा कि दोनों पोतों को पुलिस अधिकारी बनाऊंगा। उन्होंने कहा कि बेटा खोने का दर्द पिता ही जान सकता है।
ऑटो से हॉस्पीटल लाई गई राजनंदनी
राम निरंजन ठाकुर ने बताया कि रात करीब साढ़े 11 बजे प्रसव दर्द हुआ तो राजनंदनी को ऑटो से भागलपुर लाया गया। साथ में उसकी मां सुनीता देवी और देवर भी था। उन्होंने कहा कि अभी तक फ्लैट नहीं मिला है। सरकार ने 36 लाख की राशि दे दी है। बहु नौकरी नहीं कर सकती। अभी तक दूसरे बेटे को नौकरी नहीं मिली है।