भागलपुर रेलवे जंक्शन : एयरपोर्ट जैसी होगी सुरक्षा, अब परिंदा भी नहीं मार सकेंगे पर Bhagalpur News
जंक्शन पूर्व रेलवे का ए ग्रेड स्टेशनों की श्रेणी है। यहां प्रतिदिन 90 हजार यात्रियों का आवागमन होता है। बड़ा स्टेशन होने के कारण कई बार नक्सली और आतंकी घटना की धमकी भी मिल चुकी है।
भागलपुर [जेएनएन]। जंक्शन की सुरक्षा व्यवस्था आने वाले दिनों में एयरपोर्ट की तरह ही हाईटेक हो जाएगी। इसके प्रवेश द्वार पर अंडर व्हीकल सिक्योरिटी सर्विलांस सिस्टम लगाया जा रहा है। इसके लगने से यात्रियों के लगेज ही नहीं बल्कि उनकी गाड़ी को भी सुरक्षा जांच से होकर गुजरना पड़ेगा। जंक्शन पर कोई भी यात्री या वाहन बिना सुरक्षा जांच के अंदर प्रवेश नहीं कर पाएगा। पहले फेज में मालदा स्टेशन को इससे लैस कर दिया गया है। दरअसल, भागलपुर जंक्शन पूर्व रेलवे का ए ग्रेड स्टेशनों की श्रेणी है। यहां प्रतिदिन 90 हजार के आसपास यात्रियों का आवागमन होता है। बड़ा स्टेशन होने के कारण कई बार नक्सली और आतंकी घटना की धमकी भी मिल चुकी है। इसी को देखते हुए रेलवे ने स्टेशन की सुरक्षा पुख्ता करने का निर्णय लिया है।
पहले गेट पर लगेगी मशीन
स्टेशन गेट से अंदर प्रवेश करने वाले वाहनों की सुरक्षा जांच के लिए व्हीकल स्कैनर पहले प्रवेश द्वार पर लगेगा। वहीं, प्लेटफॉर्म प्रवेश गेट के पास लगेज स्कैनर लगेंगे। दोनों गेट पर यात्रियों को भी सघन जांच से गुजरना होगा। व्हीकल स्कैनर लगाने व बगल में कंट्रोल रूम बनेगा।
मालदा के प्रभारी डीआरएम पीके मिश्रा ने कहा कि भागलपुर स्टेशन पर अंडर व्हीकल सिक्योरिटी सर्विलांस सिस्टम लगेगा। मालदा मंडल में स्नैकर लगा दिया गया है। इससे आपत्तिनजक सामान लेकर कोई भी स्टेशन पर प्रवेश नहीं कर सकता।
अब बटन दबाते ही पांच मिनट में भर जाएगा पानी
भागलपुर से खुलने वाली ट्रेनों के कोच की टंकी में अब पांच मिनट में ही पानी भर जाएगा। इसके लिए भागलपुर यार्ड में हाई प्रेशर वाले आधा दर्जन मशीनें लगाई गई है। ये मशीनें कंप्यूटर से ऑपरेट होंगी। बटन दबाते ही कोचों की टंकी में पानी की आपूर्ति हो जाएगी।
दरअसल, अब तक 24 कोचों में पानी भरने में डेढ़ से दो घंटे लगते थे। नई मशीन के लग जाने के बाद अब कर्मियों का समय बर्बाद नहीं होगा।
भागलपुर से खुलने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस, सूरत एक्सप्रेस, एलटीटी एक्सप्रेस, अंग एक्सप्रेस, इंटरसिटी एक्सप्रेस, अमरनाथ एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों का रखरखाव यार्ड में ही होता है। अभी ट्रेन के कोचों में मैनुअल तरीके से पानी भरा जाता है। मालदा मंडल के प्रभारी डीआरएम पीके मिश्रा ने बताया कि इस मशीन की खासियत है कि कोच की टंकी में कितने पानी की जरूरत है, सभी का डाटा भी रिकार्ड करेगी।