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जेएलएनएमसीएच में ऑक्सीजन खरीद में घोटाला

भागलपुर में सृजन घोटाले के बाद एक और घोटाला सामने आया है। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर खरीद लाखों का घोटाला हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jun 2018 12:11 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jun 2018 12:11 PM (IST)
जेएलएनएमसीएच में ऑक्सीजन खरीद में घोटाला

भागलपुर (रजनीश): भागलपुर में सृजन घोटाले के बाद एक और घोटाला सामने आया है। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में ऑक्सीजन सिलिंडर की खरीद तीन गुना से भी अधिक कीमत पर की जा रही है। पिछले चार वर्ष के दौरान अब तक सरकार को 88,80922 रुपये का नुकसान हो चुका है। पिछले चार साल में केंद्र सरकार बेशक हर साल के लिए अलग-अलग रेट निर्धारित करती रही लेकिन अस्पताल ने रेट नहीं बदला। यह खेल पिछले चार साल से अस्पताल प्रशासन और ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाली कंपनी की मिलीभगत चल रहा है।

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इस मामले में जेएलएनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल कहते हैं कि ऑक्सीजन सिलिंडर की आपूर्ति के लिए टेंडर निकाला जाता है। निर्धारित दर पर सिलिंडर की आपूर्ति नहीं संभव है। बाहर से मंगाए जाने के कारण 53.57 रुपये अस्पताल ने निर्धारित कर रखे हैं।

जानकार कहते हैं कि केंद्र सरकार की नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी हर साल मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में आपूर्ति किए जाने वाले ऑक्सीजन की दर निर्धारित करने के लिए अधिसूचना जारी करती है। इसी निर्धारित कीमत पर अस्पताल को ऑक्सीजन सिलिंडर खरीदना होता है। जेएलएनएमसीएच प्रबंधन केंद्र की ओर से निर्धारित दर को दरकिनार कर अपनी झोली भर रहा है।

2014-15 में 37,08432 लाख रुपये की चपत

नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी की अधिसूचना संख्या 308 एसओ 1156(ई) के जरिए 2014-15 के लिए 28.4.2014 को 16.81 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन खरीदने को कहा था। अस्पताल में 53.57 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर की दर से गैस की आपूर्ति की गई। अस्पताल में 14400 जम्बो सिलिंडर (7 क्यूबिक मीटर की क्षमता वाला) हर वर्ष खरीदा जाता है। इस सिलिंडर का सरकारी दर 2014-15 में 117.67 रुपये है। वहीं अस्पताल ने 375 रुपये में प्रति सिलिंडर खरीदा। सरकार को हर सिलिंडर पर 257.53 का दर का घाटा हुआ है। यानी इस वर्ष 37,08432 लाख रुपये की चपत लगाई गई।

2015-16 में 1759968 लाख रुपये ज्यादा खर्च किए गए

वर्ष 2015-16 के लिए अधिसूचना संख्या 378 एसओ 619(ई) के जरिए दिनांक 26.2.2015 को जेएलएनएमसीएच के लिए 17.46 क्यूबिक मीटर दर से गैस आपूर्ति करने का निर्देश दिया गया था। अस्पताल प्रशासन ने अपना रेट नहीं बदला। इस बार भी उसे 53.57 रुपये की दर से ऑक्सीजन सिलिंडर खरीदा। मतलब प्रति क्यूबिक मीटर 36.11 रुपये ज्यादा कीमत पर सिलिंडर खरीदे गए। पूरे वर्ष में 1759968 लाख रुपये ज्यादा खर्च किए गए हैं।

2016-17 में 17,12592 लाख रुपये का घाटा

अधिसूचना संख्या 392 एसओ 644(ई) के जरिए दिनांक 2.3.2016 को पूरे साल सिलिंडर आपूर्ति के लिए 16.99 रुपये क्यूबिक मीटर दर निर्धारित की गई। अस्पताल प्रशासन ने रेट नहीं बदला। 16-17 में 17,12592 लाख रुपये सरकारी राजस्व को घाटा हुआ है। वहीं 2017-18 के लिए अधिसूचना संख्या 54 एसओ ई के जरिए दिनांक 1.4.2017 को 17.33 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर की दर से सिलिंडर आपूर्ति का निर्देश अस्पताल को मिला था। इस वर्ष भी अस्पताल प्रशासन ने अपनी मनमर्जी जारी रखी है। 2014 की दर 53.57 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर से ही सिलिंडर की आपूर्ति की गई।

जिलाधिकारी ने जांच कर गठित की थी टीम

ऑक्सीजन सिलिंडर आपूर्ति मामले में हेराफेरी की जांच तत्कालीन जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने शुरू की थी। इसमें डीएम ने भागलपुर के तत्कालीन डीडीसी और जिला लेखा पदाधिकारी को जांच का जिम्मा दिया था। इसमें 14 मार्च 2018 को जेएलएनएमसीएच अधीक्षक से प्रतिवेदन की मांग की गई थी। इसके बाद जिलाधिकारी और डीडीसी का तबादला हो गया और मामला खटाई में पड़ गया।


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