छात्राएं बोलीं, अब चंपा नदी को नाला बनने नहीं देंगे
एसएस बालिका उच्च विद्यालय में गुरुवार को छात्राओं ने चंपा नदी विषय पर परिचर्चा की। परिचर्चा का विषय था कहां गुम हो गई चंपा। एसएस बालिका उच्च विद्यालय में गुरुवार को छात्राओं ने चंपा नदी विषय पर परिचर्चा की। परिचर्चा का विषय था कहां गुम हो गई चंपा।
भागलपुर। एसएस बालिका उच्च विद्यालय में गुरुवार को छात्राओं ने चंपा नदी विषय पर परिचर्चा की। परिचर्चा का विषय था, कहां गुम हो गई चंपा।
छात्राओं ने एक स्वर से कहा कि चंपा को अब हम कभी नाला नहीं कहेंगे। वह नदी थी और नदी ही रहेगी। भागलपुर का पुराना नाम भी चंपा ही था। साजिश के तहत इसे नाला बना दिया गया। परिचर्चा के दौरान छात्राओं ने संकल्प लिया कि इसे नाला नहीं बनने देंगे। फिर सवाल उठा कि नदी हमारे जीवन के लिए क्यों जरूरी है। इस पर छात्राओं ने कहा कि नदी होगी तभी पानी मिलेगा और जीवन चलेगा। कुछ छात्राओं ने कहा कि नदी में कूड़ा फेंकने और रंगाई का रसायन युक्त पानी में बहाने वालों पर कार्रवाई हो। करीब एक घंटे चली परिचर्चा के बाद प्रिंसिपल आभा कुमारी ने कहा यदि प्रत्येक छात्रा अपना कर्तव्य समझ लें, तो सचमुच चंपा को फिर से वापस लाया जा सकता है।
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बोली छात्राएं
चंपा को नदी समझते हैं, न कि नाला। हमारे पूर्वजों की गलती के कारण ये नाला कहलाने लगी। इस गलती को हमलोग सुधारेंगे।
- सौम्या प्रवीण चंपा पवित्र नदी है और रहेगी। जागरूक होने की जरूरत है। इसके ऊपर जो नाला नाम का कलंक लगा है ,उसे मिटाना है। -शायरा चंपा नदी को सबसे पहले दूषित होने से बचाना होगा। गंदगी फैलाने वालों को रोकना होगा।
-रुकसार
चंपा नदी में लोग मरे हुए मवेशियों को भी बहा देते हैं। इससे नदी और दूषित होती चली गई। लक्ष्मी कुमारी चंपा नदी को संरक्षित करने के लिए सबसे पहले उसमें नाले की निकासी रोकनी होगी। गंदे पानी की वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं।
- सरिया