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तेजी से बढ़ रहा सर्वाइकल कैंसर, समय पर कराएं इलाज, जीत लेंगे जंग : डॉ. माधवी

15 से 45 वर्ष की आयु की महिलाओं में गर्भाशय-ग्रीवा या सर्वाइकल कैंसर तेजी से फैल रहा है। समय पर अगर इसका इलाज शुरू हो जाए तो इससे निजात मिल सकती है। ये बातें स्त्री रोग विशेषज्ञ व सर्जन डॉ. माधवी सिंह ने कही।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 09:20 PM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 06:32 AM (IST)
तेजी से बढ़ रहा सर्वाइकल कैंसर, समय पर कराएं इलाज, जीत लेंगे जंग : डॉ. माधवी

भागलपुर। 15 से 45 वर्ष की आयु की महिलाओं में गर्भाशय-ग्रीवा या सर्वाइकल कैंसर तेजी से फैल रहा है। समय पर अगर इसका इलाज शुरू हो जाए तो इससे निजात मिल सकती है। ये बातें स्त्री रोग विशेषज्ञ व सर्जन डॉ. माधवी सिंह ने कही। वह रविवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हेलो डॉक्टर में पाठकों ने सवालों का जवाब दे रही थीं।

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उन्होंने कहा कि यह सर्विक्स का कैंसर है। सर्विक्स गर्भाशय का निचला भाग होता है, जो गर्भाशय को प्रजनन अंग से जोड़ता है। शारीरिक संपर्क में आने पर (एचपीवी-16 व 18) वायरस किसी महिला को संक्रमित कर सकता है। प्रजनन अंगों के माध्यम से भी महिलाओं में यह संक्रमण तेजी से फैलता है। एचपीवी संक्रमण के होने और इसके कैंसर में तब्दील होने में सामान्यत 20 साल या इससे अधिक का समय लग जाता है। 35 से 50 साल की उम्र की महिलाओं में इसका खतरा ज्यादा रहता है। इससे बचाव के लिए वैक्सीन 92 फीसद तक कारगर है। वैक्सीन लेने से पहले महिलाओं को शारीरिक संपर्क नहीं बनाना है। नौ से 25 साल तक की लड़किया यह वैक्सीन लगवा सकती हैं। गॉर्डिशियल और सरवायरकेस वैक्सीन सर्वाइकिल कैंसर की रोकथाम के लिए फिलहाल उपलब्ध हैं।

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इस तरह प्रभावित करता है सर्वाइकल कैंसर

सर्वाइकल कैंसर सर्विक्स की लाइनिंग यानी यूट्रस के निचले हिस्से को प्रभावित करता है। सर्विक्स की लाइनिंग में दो तरह की कोशिकाएं होती हैं- स्क्वैमस या फ्लैट कोशिकाएं और स्तंभ कोशिकाएं। नियमित ग्रीवा कैंसर स्क्रीनिंग (पैप परीक्षण) द्वारा पता लगाया जा सकता है। इस बीमारी को पता लगाने के लिए काल्पोस्कोपिक जांच की जाती है।

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सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

-यौन संपर्क के बाद योनि से रक्तस्त्राव

-सामान्य से अधिक समय तक मासिक धर्म

-असामान्य योनि स्त्राव

-यौन संसर्ग के दौरान दर्द के बीच ज्यादा रक्त निकलना

ऐसे कर सकते हैं बचाव

सर्वाइकल कैंसर को अक्सर टीकाकरण और आधुनिक स्क्रीनिंग तकनीकों से रोका जा सकता है। गर्भाशय-ग्रीवा के कैंसर का उपचार कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कैंसर की अवस्था व अन्य स्वास्थ्य समस्याएं। सर्जरी, विकिरण, कीमोथेरेपी या तीनों को मिलाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हर तीन वर्ष के अंतराल पर एक पेप टेस्ट करवाएं, क्योंकि समय पर पता लगने से इलाज में आसानी होती है।

प्रश्न : पत्‍‌नी को माहवारी की समस्या है। हर महीने दिक्कत होती है। कभी-कभी ज्यादा रक्तश्राव होता है। क्या करें।

-राजेश, नवगछिया

-पहले किसी भी स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें। माहवारी में रुकावट और खून का ज्यादा निकलना सवाईकल के लक्षण हो सकते हैं, तुरंत महिला चिकित्सक से सलाह लें।

प्रश्न : पत्‍‌नी को माहवारी में दिक्कत होती है। हमेशा दर्द रहता है। क्या करें?

-वंशी यादव, गोनूधाम।

-पहले आप तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। लेप्रोस्कोपिक जांच के बाद ही पता चलेगा। विलंब नहीं करें।

प्रश्न : बच्चेदानी में दिक्कत है। कैंसर का डर लग रहा है। क्या करें?

-मु.जाकिब, पीरपैंती

- एक बार आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेने की जरूरत है। जांच के बाद पता चल पाएगा कि गड़बड़ी कहां है। घबराने की जरूरत नहीं है। प्रश्न : पेशाब में जलन और बदबू रहता है। हमेशा दर्द रहता है। कभी-कभी माहवारी में दिक्कतें होती है?

-नीतू सिंह, भीखनपुर।

: पेशाब में जलन की वजह संक्रमण भी हो सकता है। आप महिला चिकित्सक से सलाह लें। सर्वाइकल कैंसर का लक्षण भी कुछ ऐसा ही होता है। इन्होंने भी पूछे प्रश्न

डॉ. माधवी सिंह से मासिक धर्म, सर्वाइकल कैंसर और बच्चेदानी की समस्या को लेकर वीणा देवी (कहलगांव), मीरा देवी (तारापुर), करुणा देवी (अमरपुर), रितू जैन (अमरपुर) नुसरत बानो, सरोज देवी (इशाकचक), स्वेता, रानी (सुल्तानगंज), रीना (अकबरनगर), स्वाती (साहिबगंज), नेहा कुमारी (तीनटंगा), खुशबू रानी सहित अन्य ने भी प्रश्न किए।


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