फुटपाथी विक्रेताओं के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं संतोष
भागलपुर। भारतीय संविधान में प्रत्येक नागरिक के लिए समता का अधिकार के प्राविधान किए गए हैं।
भागलपुर। भारतीय संविधान में प्रत्येक नागरिक के लिए समता का अधिकार के प्राविधान किए गए हैं। समता के अधिकार को धरातल पर उतराने और समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए प्रयास भी किए गए हैं। इसके बावजूद कई लोग अब भी अवसर की समानता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। विकास की दौड़ में अब भी हाशिये पर खड़े फुटपाथी दुकानदारों को इज्जत और सम्मान के साथ रोजी-रोजगार करने का अधिकार दिलाने के लिए फुटपाथ विक्रेता संघ के अध्यक्ष संतोष कुमार साह संघर्ष कर रहे हैं। संतोष कुमार साह ने कहा कि 2016 में फुटकर विक्रेताओं ने मुझे फुटकर विक्रेता संघ के अध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपी। 2019 में फिर से संघ का सांगठनिक चुनाव हुआ, तो मुझे अध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपी गई। नगर निगम की टाउन वेंडिग कमेटी का सदस्य भी मुझे चुना गया। फुटपाथी विक्रेताओं का सर्वे करा कर उनका रजिस्ट्रेशन किया जाना चाहिए। फुटपाथी विक्रेताओं को परिचय पत्र दिया जाना चाहिए, ताकि वे सम्मान के साथ रोजगार कर सकें। शहर में वेंडिग जोन चिह्नित कर वहां फुटपाथी विक्रेताओं को व्यवसाय करने की सुविधा दी जानी चाहिए। सरकार के सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ भी फुटपाथी दुकानदारों को मिलना चाहिए। शत प्रतिशत फुटपाथी दुकानदारों को बैंकों से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि वे महाजनों के चंगुल से मुक्त हो सकें। इन सभी सवालों को लेकर हमारा संघर्ष जारी है।
फुटपाथी विक्रेताओं के उत्पीड़न की शिकायत मिलते ही संतोष कुमार साह पहुंच जाते हैं। संतोष ने कहा कि फुटपाथ विक्रेताओं के हक के सवाल पर कई बार बड़े अधिकारियों से उलझना पड़ता है। धमकी, प्रताड़ना तक बात पहुंच जाती है, इसके बाद भी मैं फुटपाथी दुकानदारों के हक के लिए संघर्ष कर रहा हूं। जब तक शहर के प्रत्येक फुटपाथी विक्रेताओं को सम्मान के साथ रोजगार करने का अधिकार नहीं मिल जाता है, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।