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संतमत सत्संग : संतों के सनिध्‍य से ही मानव जीवन का कल्याण संभव Bhagalpur News

ईश्वर का न कोई रूप होता है और रंग। जो भक्त उन्हें सच्चे हृदय से स्मरण करते हैं। उनसे उनकी मुलाकात हो जाती है। इसके साथ ही संपन्‍न हो गया संतमत सत्‍संग।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 12:22 PM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 12:22 PM (IST)
संतमत सत्संग :  संतों के सनिध्‍य से ही मानव जीवन का कल्याण संभव Bhagalpur News
संतमत सत्संग : संतों के सनिध्‍य से ही मानव जीवन का कल्याण संभव Bhagalpur News

भागलपुर, जेएनएन। सत्संग में सत्य का साथ मिलता है। संतों की वाणी से मन और वचन दोनों पवित्र होते हैं। इसलिए जहां भी सत्संग हो वहां वक्त निकाल कर मनुष्य को अवश्य जाना चाहिए। सत्संग से ही मानव जीवन का कल्याण संभव है।

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उक्त बातें देवी बाबू धर्मशाला में आयोजित दो दिवसीय सत्संग के अंतिम दिन अपने प्रवचन के दौरान महर्षि मेंहीं आश्रम से पधारे कथा वाचक विद्यानंद महाराज ने कही। उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि ईश्वर का न कोई रूप होता है और रंग। जो भक्त उन्हें सच्चे हृदय से स्मरण करते हैं। उनसे उनकी मुलाकात हो जाती है।

मानव मोक्ष के लिए ईश्वर की भक्ति अवश्य करनी चाहिए, इसके बिना मनुष्य जन्म लेने की सार्थकता सिद्ध नहीं होती है। कार्यक्रम का आयोजन संतमत-सत्संग समिति भागलपुर नगर की ओर किया गया था। कथा वाचक स्वामी स्वरूपानंद जी भी अपने प्रवचन से लोगों को ज्ञान की गंगा में डुबकी लगवाई। विवेकानंद और प्रदीप की जोड़ी ने भजन से श्रोताओं को आनंदित किया। कार्यक्रम का संचालन वरीय पत्रकार धर्मराज राय कर रहे थे। मौके पर राजकुमार, शंभू प्रसाद, सुबोध मंडल, जयप्रकाश गुप्ता, कृष्ण कुमार अग्रवाल, सुनील खेतान, कैलाश अग्रवाल, गिरिवर प्रसाद गुप्त आदि मौजूद थे।


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