संतमत सत्संग : भगवत भजन से ही मोक्ष का मार्ग संभव : महर्षि हरिनंदन Bhagalpur News
देवी बाबू धर्मशाला में आयोजित दो दिवसीय सत्संग उद्घाटन हुआ। महर्षि मेंहीं आश्रम के वर्तमान आचार्य हरिनंदन ने कहा कि भगवत भजन से ही मानव जीवन का कल्याण संभव है।
भागलपुर, जेएनएन। मानव जीवन में मोक्ष का मार्ग भगवत भजन से ही संभव है। मनुष्य को व्यस्ततम समय में भी कुछ वक्त निकाल कर ईश्वर भक्ति करनी चाहिए। इससे संतोष का भाव और आत्म तृप्ति मिलती है। यह ज्ञान हो जाता है कि संपत्ति और विपत्ति आती जाती रहती है। ये बातें महर्षि मेंहीं आश्रम कुप्पाघाट के वर्तमान आचार्य महर्षि हरिनंदन परमहंसजी महाराज ने कही।
वे देवी बाबू धर्मशाला में आयोजित दो दिवसीय सत्संग के उद्घाटन के अवसर पर प्रवचन दे रहे थे। इसका आयोजन संतमत-सत्संग समिति भागलपुर नगर की ओर किया जा रहा है। आचार्य ने कहा कि मनुष्य को सदैव सत्संग में आकर ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। अगर संतों का संग नहीं मिले तो उनकी वाणी का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए। परमात्मा वाणी का विषय नहीं है। परमात्मा की प्राप्ति आत्मा से ही संभव है। साधक अपनी सत्य निष्ठा की साधना से ईश्वर को प्राप्त कर मोक्ष प्राप्त कर सकता है।
सत्संग में डॉ. स्वामी विवेकानंद बाबा, स्वामी विद्यानंद बाबा, स्वामी परमानंद बाबा, स्वामी आशुतोष बाबा आदि ने भी अपने प्रवचन से लोगों को धर्म के प्रति जागरूक किया। मौके पर भारी संख्या में पुरुष व महिलाओं ने भाग लेकर खुद को धर्म का भागी बनाया। कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति के राजकुमार, धर्मराज राय, कैलाश अग्रवाल, सुनील खेतान, कृष्ण कुमार अग्रवाल, गिरिवर प्रसाद गुप्त, जय प्रकाश गुप्त, सुबोध मंडल, श्याम प्रसाद गुप्ता, शंभु प्रसाद आदि अपना सक्रिय योगदान दे रहे हैं।