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Saharsa: कोरोना में मजदूर को नहीं मिल रहा रोजगार, दूसरे राज्यों से भी प्रवासियों के लौटने का सिलसिला जारी

सहरसा में कोरोना का असर रोजगार पर दिखने लगा है। दूसरे राज्‍यों से लौट रहे मजदूर काम की तालाश में भटक रहे है। साथ ही कोरोना संक्रमण की रफ़तार भी बढ़ता जा रहा है। इससे भी लोग सहमे हुए हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 03:49 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 03:49 PM (IST)
सहरसा में कोरोना का असर रोजगार पर दिखने लगा है।

संसू, नवहट्टा (सहरसा)। कोरोना के बढ़ते प्रभाव ने बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न कर दिया है। बदले हालात में गांवों में रोजगार उपलब्ध नहीं होने से लोगों को परिवार का गुजर बसर करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना के पहले फेज में साल भर पहले बड़ी संख्या में लोग दूसरे प्रांतों से अपने घर इस इरादे के साथ पहुंचे कि अब वे वापस नहीं लौटेंगे, लेकिन गांवों में रोजगार के अवसर नहीं मिलने से लोगों को मजबूरी में पलायन करना पड़ा । लोगों ने एक बार फिर दूसरे प्रांतों से गांव की ओर रुख कर लिया है। मजदूरों और कामगारों को लेकर सरकारी घोषणाएं तो हुई, लेकिन वे घोषणाएं धरातल पर दम तोड़ चुकी हैं। बाहर से आए लोगों के लिए मनरेगा समेत अन्य योजनाओं में रोजगार सृजन की बात कही गई। धरातल पर मजदूरों के हालात बदलते नहीं दिखाई दे रहे हैं।

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मजदूरों को नहीं मिल रहा मनरेगा का लाभ

मनरेगा के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से सारा काम ट्रैक्टर और बुलडोजर जेसीबी से हो जाता है और फिर मजदूरों के नाम पर पैसे का उठाव हो जाता है। एक भी मजदूर को 100 दिन की गारंटी रोजगार का लाभ नही मिला है। खेती के लिए अब मजदूरों की जरूरत कम होती है, मशीनीकरण हो गया है।

रोजगार की तलाश नहीं होती है पूरी

प्रखंड मुख्यालय के बस स्टैंड चौक, रौदी चौक, चंद्रायण, कोशी कॉलोनी चौक, शाहपुर बाजार एवं मुरादपुर भुसवर चौक, खरका तेलवा के ओरिया चौक पर प्रत्येक दिन सुबह होते ही रोजगार की तलाश में मजदूरों का जमघट लग जाता है। यहां जमा मजदूरों ने बताया कि गांव घरों में भवन निर्माण ठप पड़ गया है। सरकारी बिङ्क्षल्डग सड़क की आदि भी नहीं बन रहे हैं। अंग्रेजीपाड़ के कामो सादा, प्रमोद सादा, पिपररही के जगदीश शर्मा, शौकत, बीबी रूखसार आदि को पिछले एक सप्ताह से कोई रोजगार नहीं मिला। लोग कोरोना से बचाव व सुरक्षा के कारण मजदूरों से काम नहीं करवाना चाहते।

मनरेगा के तहत पशु शेड बकरी शेड समेत अन्य कार्य करवाया जा रहा है। मजदूरों की मांग पर त्वरित रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। -विकास कुमार, लेखापाल, मनरेगा, नवहट्टा


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