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Saharsa News: धान क्रय केंद्रों का डीएम खुद रखेंगे नजर, डाटा में हेराफेरी करने वाली समितियों पर होगी कार्रवाई

सहरसा में इस बार किसानों को धान की बिक्री करने में किसी तरह की परेशान न हो इसके लिए डीएम खुद क्रय केंद्रों पर नजर रखेंगे। डाटा में हेरफेर करने वाली समिमियों पर इस बार कड़ी कार्रवाई करने की भी तैयारी चल रही है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 10:34 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 10:34 AM (IST)
Saharsa News:  धान क्रय केंद्रों का डीएम खुद रखेंगे नजर, डाटा में हेराफेरी करने वाली समितियों पर होगी कार्रवाई
इस बार एक किसान दो सौ क्विंटल तक बेच सकेंगे धान।

सहरसा, जेएनएन। धान खरीद के बाद सीएमआर जमा करने में हो रही परेशानी को देखते हुए खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने इस वर्ष कई महत्वपूर्ण निर्देश दिया है। सीएमआर जमाकर्ता के रूप में जहां बीते वर्ष कार्य किए कर्मियों को उस स्थान पर दोबारा नहीं लगाने का निर्देश दिया है, वहीं धान खरीद का डीएम स्तर से हर माह भौतिक सत्यापन की जिम्मेवारी सौंपी गई है। जिलाधिकारी स्वयं या नामित अधिकारी द्वारा क्रय केंद्र चालू होने के बाद हर माह केंद्रों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। ऑनलाइन डाटा के अनुसार क्रय केंद्रों पर धान नहीं पाए जाने पर संबंधित पैक्स व व्यापार मंडल के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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एक किसान दो सौ क्विंटल तक बेच सकेंगे धान

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण ने एक किसान को अधिकतम दो सौ क्विंटल तक धान खरीदने का निर्देश दिया है, वहीं बटाईदारों से 75 क्विंटल तक धान खरीदने की इजाजत दी है। विभाग ने किसी भी परिस्थिति में वायदा आधारित धान का भुगतान किसी भी हाल में नहीं करने का निर्देश दिया है। धान खरीद के बाद किसानों को अधिकतम 48 घंटे के अंदर और सीएमआर आपूर्ति पश्चात समितियों को अधिकतम तीन दिनों के अंदर भुगतान का निर्देश दिया गया है।

डीसीओ को मिली साप्ताहिक समीक्षा की जिम्मेवारी

विभाग ने धान खरीद व सीएमआर आपूर्ति व्यवस्था की पारदर्शिता के लिहाज से जहां बीसीओ के साथ डीएम स्तर से मासिक सत्यापन का निर्देश प्राप्त हुआ है। वहीं खरीद के विरुद्ध धान की मिलिंग कराकर सीएमआर हस्तगत कराने की पूरी जबावदेही डीएम को सौंपा है। जिला सहकारिता पदाधिकारी को जिला स्तर पर गठित टास्क फोर्स की साप्ताहिक बैठक आयोजित कर संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा निर्देश दिया है।

धान खरीद व सीएमआर आपूर्ति व्यवस्था को पारदर्शी रखने के लिहाज से विभाग ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इससे किसान और समितियां लाभांवित होगी और समय पर सीएमआर जमा हो सकेगा।

सैयद मशरूक आलम, डीसीओ, सहरसा। 


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