Sadar Hospital Bhagalpur: कभी किस्मत को कोसती तो कभी सिस्टम को, क्या-क्या नहीं करना पड़ रहा कोरोना जांच के लिए
Sadar Hospital Bhagalpur कोरोना वायरस से खुद को अगर आप संक्रिमत महसूस कर रहे हैं और जांच कराना चाहते हैं तो जान लीजिए... यहां आपको क्या है परेशानी हो सकती है।
भागलपुर, जेएनएन। गोनूधाम (जगदीशपुर) की कंचन कुमारी काफी परेशान है। कभी इस दफ्तर तो कभी उस दफ्तर का लगातार चक्कर लगा रही है। लेकिन, कहीं कोई कुछ बताने और इंटरटेन करने वाला नहीं है। कंचन थक हार कर कार्यालय के बाहर बैठ गई। सिर पर हाथ रखकर कभी अपने किस्मत को कोसती तो कभी सिस्टम को। उसकी परेशानी देखकर निजी गार्ड पहुंचता है और हाल-चाल लेता है। रविवार की दोपहर 2.45 बजे का यह दृश्य सदर अस्पताल के ओपीडी के पास की है। जब इस संवाददाता ने कंचन कुमारी का हालचाल लिया तो रुआसे से भरे शब्द में अपनी पीड़ा और दर्द बताई। कंचन ने कहा कि उसके पति दिलीप यादव कुछ दिनों से बीमार चल रहे हैं। एक सप्ताह पहले निजी डॉक्टर से भागलपुर में इलाज कराया गया। दो दिन बाद तबीयत में सुधार हुआ इसके बाद तबीयत फिर बिगड़ गई। जब निजी चिकित्सक के पास पहुंचे दो वहां कंपाउंडर इलाज के पहले कोरोना की जांच कराने की बात कही। तब से लगातार दो दिनों तक सदर अस्पताल पहुंचे लेकिन जांच नहीं हो सका। अब क्या करें, कुछ समझ में नहीं आ रहा....। बोलने के बाद फिर से रोने लगती है..। कंचन का दर्द ने पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा करने के लिए काफी है।
स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह लाचार, सब संडे छुट्टी मनाने में व्यस्त
भले ही स्वास्थ विभाग तरह-तरह के दावे कर रहा हो, लेकिन इसी बीच सीधे उलट है। जिले में व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। इसे कोई देखने वाला नहीं है। न अस्पताल में चिकित्सक है और न स्वास्थ्य कर्मी। एक तरह से ऐसा कहे कि सभी लोग घरों में संडे छुट्टी मना रहे हैं। अगर इमरजेंसी में कोई फोन भी कर दे तो चिकित्सक फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझते। सिविल सर्जन भी कार्रवाई की बात करते हैं। लेकिन हकीकत में कुछ नहीं दिखता। रविवार को सदर अस्पताल में चिकित्सक और न स्वास्थ्य कर्मी नजर आए। हालांकि, क्षेत्रीय जांच घर खुला हुआ था। अंदर में लैब टेक्नीशियन अपने काम में व्यस्त थे। लेकिन, बाहर खड़े करीब आधा दर्जन जांच कराने वालों को देखने वाला कोई नहीं था।