सृजन घोटाला : पुराना बैलेंस दर्शाकर खुलेगी नई कैश बुक
वित्त विभाग ने जिले के उन विभागों में कैश बुक खोलने की अनुमति दे दी है, जहां सृजन घोटाले की वजह से अब तक वित्तीय कार्य नहीं हो रहा है।
भागलपुर। वित्त विभाग ने जिले के उन विभागों में कैश बुक खोलने की अनुमति दे दी है, जहां सृजन घोटाले की वजह से अब तक वित्तीय कार्य नहीं हो रहा है। विभाग ने पुराने बैलेंस को ओपनिंग बैलेंस बताते हुए कार्य को आगे बढ़ाने को कहा है। इस सिस्टम को पारदर्शी बनाने को कहा गया है। वित्त विभाग ने कुछ शर्तों के आधार पर कैश बुक खोलने का निर्देश दिया है। कैश बुक खुलवाने के लिए जिला प्रशासन पिछले चार महीने से वित्त विभाग के संपर्क में था। हाल ही में वित्त विभाग की दो सदस्यीय टीम भी यहां आई थी। टीम ने वित्तीय कठिनाइयों को समझा था। टीम के पटना लौटने के बाद यहां दस सदस्यीय ऑडिट टीम भेजने का निर्देश दिया गया है। भागलपुर में उप लेखा नियंत्रक के अधीन ऑडिटर की टीम कार्यरत है। इसी टीम को विभिन्न विभागों का अंकेक्षण करने में लगाया जाएगा। उधर, वित्त विभाग ने कहा है कि खातों में जो बैलेंस है, उसको आगे बढ़ाते हुए कैश बुक खोली जाई। इसमें कैश बुक में राशि की गबन की चर्चा करने की सलाह दी गई है। यह भी लिख देना है कि उक्त राशि के गबन की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। केस का अनुसंधान सीबीआइ कर रही है।
वित्त विभाग के कैश बुक खोलने की अनुमति से नजारत, भू अर्जन, कल्याण, जिला परिषद् व डीआरडीए में अब स्थिति सामान्य हो जाएगी। मालूम हो कि जिन विभागों में सृजन घोटाला हुआ है, वहां बिना कैश बुक खोले, योजनाओं की राशि खर्च नहीं हो पा रही थी। सबसे अधिक पेंच जिला परिषद में भी फंसा हुआ था। जिला परिषद में पंचम राज्य वित्त आयोग की राशि आई हुई है लेकिन खर्च नहीं किया जा सक रहा था। प्राथमिकी के बाद सीबीआइ ने सभी विभागों से मूल कैश बुक जब्त कर लिया था। अब उपलब्ध बैलेंस को आगे बढ़ाते हुए कैश बुक खोला जाएगा। एनडीसी जितेंद्र प्रसाद साह ने कहा कि वित्त विभाग की अनुमति मिल गई है। इसके निर्देश पर अब आगे की कार्रवाई होगी।