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TMBU : कैसे होगा PHD में दाखिला... अब तक नहीं मिला है Research Methodology Course का Certificate : Bhagalpur News

छात्र सरोज कुमार ने बताया कि पीआरटी वैद्यता इस बार 2019 में होने वाले पीएचडी में नामांकन तक रहती। लेकिन उन्हें Research Methodology Course का Certificate ही नहीं मिल रहा।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 08:56 AM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 08:56 AM (IST)
TMBU : कैसे होगा PHD में दाखिला... अब तक नहीं मिला है Research Methodology Course का Certificate : Bhagalpur News
TMBU : कैसे होगा PHD में दाखिला... अब तक नहीं मिला है Research Methodology Course का Certificate : Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। पीएचडी (PHD) में दाखिला के लिए एक दिव्यांग छात्र को रिसर्च मेथेडोलॉजी कोर्स (Research Methodology Course) का सर्टिफिकेट (Certificate) नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है। इशाकचक निवासी छात्र सरोज कुमार (Saroj kumar) ने बताया कि उन्होंने जुलाई 2018 से दिसंबर 2018 तक के सत्र में रिसर्च मेथेडोलॉजी कोर्स में नामांकन लिया था। टीएमबीयू के आईआरपीएम विभाग (IRPM Department) में चार माह का रिसर्च मेथेडोलॉजी कोर्स पूरा किया। साथ ही कम्प्यूटर साइंस डिपार्टमेंट (Computer Science Department) से दो माह का कम्प्यूटर कोर्स (Computer course) भी पूरा किया। दोनों कोर्स करने के बाद फरवरी 2019 तक सर्टिफिकेट निर्गत किए जाने थे। लेकिन, विभाग और विवि का बार-बार चक्कर लगाने के बावजूद सर्टिफिकेट अब तक नहीं मिल सका है। इससे पीएचडी (PHD) में दाखिला नहीं मिल पा रही है।

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सरोज कुमार ने बताया कि उन्होंने 2011 में पीआरटी की परीक्षा (PRT exam) उत्तीर्ण की थी। तभी उन्हें पता चला कि अब पूर्व से किए हुए पीआरटी की वैद्यता मात्र एक वर्ष ही रहेगी। इस कारण उन्होंने रिसर्च मेथेडोलॉजी कोर्स में जून 2018 में नामांकन लिया। नए नियम के अनुसार उनकी पीआरटी वैद्यता इस बार 2019 में होने वाले पीएचडी में नामांकन तक रहती।

लेकिन विभाग ने रिसर्च मेथेडोलॉजी कोर्स का सर्टिफिकेट उन्हें अब तक नहीं दिया है। इस कारण सरोज कुमार को चिंता है कि वे इस बार पीएचडी में नामांकन कैसे ले पाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि जब मुझे फरवरी 2019 तक सर्टिफिकेट मिल जानी चाहिए तो उन्हें क्यों नहीं मिली। सरोज ने कहा कि इस संबंध में आईआरपीएम (Industrial Relations and Personnel Management) विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एसडी झा से कई बार मिले। लेकिन, विभागाध्यक्ष समस्या हल करने की बजाय हर बार झूठा आश्वासन देते रहे। वे हमेशा कहते रहे कि 'मेरे रहते हुए चिंता मत करो, तुम्हारा काम हो जाएगा। तुम्हारा नामांकन पीएचडी में हो जाएगा।' इसी आश्वासन के आधार पर सरोज ने आगे का शोध कार्य भी जारी रखा। लेकिन अब जबकि पीएचडी में नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, तो सरोज कुमार को सर्टिफिकेट नहीं मिलना उनके लिए परेशानी का कारण बन गया है। परेशान होकर सरोज फिर अपने विभागाध्यक्ष डॉ. एसडी झा (Dr. SD Jha) से मिले। इस बार उन्होंने कहा कि पहले रिसर्च प्रपोजल (Research proposal) जमा करो, उसके बाद ही सर्टिफिकेट मिलेगा। सरोज कुमार ने 20 मई 2019 को अपना रिसर्च प्रपोजल विभाग के सभी शिक्षकों के सामने जमा किया। शिक्षकों ने सरोज से ओरल टेस्ट (Oral test) लिए। सभी शिक्षक सरोज के उत्तर से संतुष्ट थे। इसके बाद भी उन्हें रिसर्च मेथेडोलॉजी कोर्स का सर्टिफिकेट नहीं मिला। और न ही प्री सबमिशन सेमिनार का डेट मिला। रिसर्च मेथेडोलॉजी सर्टिफिकेट नहीं मिलने के कारण वे शोध पत्र जमा नहीं कर पा रहे हैं। रिसर्च मेथेडोलॉजी सर्टिफिकेट नहीं मिलने के कारण वे शोध पत्र (Research Paper) जमा नहीं कर पा रहे हैं।

विभागाध्यक्ष को दबाव देने के बाद सरोज का सात अगस्त 2019 को उनका प्री सबमिशन सेमिनार (Pre submission seminar) हुआ। सेमिनार के बाद डीआरसी (DRC) ने सरोज के प्रपोजल को स्वीकृत किया। लेकिन सामाजिक विज्ञान (Social science) के डीन प्रो. बीके शर्मा (Prof. BK Sharma) ने उस प्रप्रोजल को जमा लेने से इंकार कर दिया। प्रो. बीके शर्मा ने सरोज को कहा कि आपने निर्धारित समय में इसे जमा नहीं किया है। सरोज कुमार ने कहा कि तिमांविवि (TMBU) के प्रतिकुलपति प्रो. रामयतन प्रसाद (Pro vice chancellor Prof. Ramayatan Prasad) से मिलकर उन्हें सारी बात बता चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो शीघ्र ही वे कुलपति और कुलाधिपति से मिलेंगे।


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