मार्दव धर्म से मान व अहंकार का होता है मर्दन : नमन शास्त्री
नाथनगर। चंपापुर दिगंबर सिद्धक्षेत्र में चल रहे दशलक्षण महापर्व के दूसरे दिन बुधवार को उत्तम मार्दव धर्म की उपासना की गई।
नाथनगर। चंपापुर दिगंबर सिद्धक्षेत्र में चल रहे दशलक्षण महापर्व के दूसरे दिन बुधवार को उत्तम मार्दव धर्म की उपासना की गई। जैन भक्तों ने भगवान सुपासर्व नाथ का 108 कलशों से मस्तकाभिषेक किया। महापर्व में राजस्थान से पहुंचे पंडित नमन शास्त्री ने कहा कि मार्दव धर्म अपनाने से मान और अहंकार का मर्दन हो जाता है। सेवा नहीं करना और मात्र खुद की सेवा करवाना स्वार्थीपन की निशानी है।
महाराष्ट्र से आए पंडित आलोक शास्त्री ने कहा कि अहंकार महामूखरें को होता है। तकलीफ में भी कोई विद्या छिपी होती है बस सीखने की जिज्ञासा होनी चाहिए। इस अवसर पर सिद्धक्षेत्र मंत्री सुनील जैन, विजय रारा, पदम पाटनी, श्रीचंद पाटनी, सुरेश पाटनी, पवन गंगवाल, सरोज जैजानी, प्रकाश छावड़ा, मनु राजेश, अजय, संजय गंगवाल सहित कई भक्त थे।