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बांका में खुलेआम बेचे जा रहे दुुर्लभ पक्षी, तोता Rs 300, खरगोश Rs 200 में, नहीं होती कोई कार्रवाई

कभी आजाद पक्षियों की चहचहाहट से गूंजता था क्षेत्र। अब ऐसे पक्षियों का शिकार किया जा रहा है। इसे महंगे दामों में बेचे जा रहे हैं। साथ ही कुछ पक्षियों को तो मारकर खाया जाता है। इसके लिए सजा का प्रावधान है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 06:57 AM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 06:57 AM (IST)
बांका में खुलेआम बेचे जा रहे दुुर्लभ पक्षी, तोता Rs 300, खरगोश Rs 200 में, नहीं होती कोई कार्रवाई
बांका में लगातार पक्षी कारोबार किया जा रहा है।

बाराहाट (बांका) [आशुतोष कुंदन]। आजादी हर किसी को प्यारी है। इसके लिए देश के कई वीर सपूतों ने अपनी कुर्बानी दी है ,लेकिन यहां अपनी शौक के लिए कैद कर रखे जाने वाले मासूम पक्षियों को कब आजादी मिलेगी। ये खुद में एक बड़ा सवाल है। एक तरफ सरकार ने वन जीव अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित पशु पक्षियों के व्यापार पर पाबंदी लगा दी है। वहीं, से कैद कर रखा जाना भी कानूनी अपराध है। बावजूद इसके क्षेत्र में संरक्षित पक्षियों का व्यवसाय जारी है। शिकारी और चिड़ीमार खुलेआम पिंजरे में कैद कर पशु-पक्षियों को बेच रहे हैं ।बेखौफ धंधेबाज एक तोते 300 से ₹600 एवं खरगोश 200 से ₹300 व अन्य पक्षी हजार रुपए तक बेचे जा रहे हैं। जिससे क्षेत्र में आजाद पक्षियों की गूंज थमने लगी है और इनका कुनबा सिमटता जा रहा है।

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अब घर के आंगन में नही दिखते गोरैया 

पक्षियों को संरक्षित नहीं करने की वजह से आज घर के आंगन में गौरैया की चहचहाहट नहीं गूंज रही है। जबकि ग्रामीण इलाकों में इसे लक्ष्मी का रूप माना जाता है । इसके लिए लोग अपने घरों में धान की बाली टांग कर रखते थे। जिससे गौरैया का आगमन उसके घर में होता रहे। हालांकि अब उसके संरक्षण के लिए वन विभाग ने विशेष अभियान शुरू कर दिया है।

अब ग्रामीण इलाकों में भी हो रही धडल्ले से बिक्री

शहरी क्षेत्र के बाद अब ग्रामीण इलाकों में भी पक्षियों की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। आधुनिकता के इस दौर में ग्रामीण इलाके के लोग भी पिंजरे में कैद पक्षियों को पालने की शौकीन हो गए हैं । जिससे इन इलाकों में भी पक्षियों की बिक्री बढ़ गई है। इसमें खासकर तोता मैना हरिहर खरगोश आदि शामिल है । जबकि संरक्षित पशु पक्षियों का शिकार और इनकी खरीद बिक्री करते पकड़े जाने पर तीन साल की सजा का प्रावधान है।

सरकार की ओर से संरक्षित पशु पक्षियों की खरीद बिक्री पर पाबंदी लगा दी गई है। इसमें आधे दर्जन पक्ष शामिल है खास तौर पर हरियल, साइबेरियन व लालसर पक्षी की बिक्री पर रोक है क्षेत्र में हो रही पक्षियों की बिक्री करने वालों पर लगातार नजर रखी जा रही है । पकडे जाने पर इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - अरुण कुमार रेंजर बौंसी प्रमंडल


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