पक्षियों के साथ रंजीत की अनूठी यारी, मैना को बुलाते कहकर दुलारी
चिड़ियाघर बनाकर विभिन्न प्रजाती की पक्षियों को पाल रहे हैं।
कटिहार(प्रवीण आनंद)। पक्षियों के साथ सेमापुर निवासी किसान रंजीत ¨सह की अनूठी यारी है। वे घर पर ही चिड़ियाघर बनाकर विभिन्न प्रजाती की पक्षियों को पाल रहे हैं। उनके संरक्षण और प्रजनन के साथ ही विलुप्त हो रही पक्षियों के संरक्षण का वे प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही अपने घर के आसपास भी वे पेड़ों पर पक्षियों के रहने के लिए घोषला बनाकर उन्हें नियमित दाना-पानी उपलब्ध करा रहे हैं।
रंजीत के घर फिलहाल तोता, मैना, तितर, टर्की, लकुआ कबूतर सहित अन्य प्रजाति की पक्षियां हैं। वे इसकी नियमित देखभाल करते हैं। इसके साथ ही आसपास के इलाकों में बीमार पक्षियों को उठाकर वे घर लाते हैं और उसका इलाज कराने के साथ उसकी देखभाल की करते हैं। पक्षियों के साथ उनकी दोस्ती देखने लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं। रंजीत बताते हैं कि विलुप्त हो रही पक्षियों का संरक्षण हमारा दायित्व है और वे इसका निर्वहन कर रहे हैं।
रंजीत को देखते ही उमड़ पड़ता है पक्षियों का झूंड :
रंजीत की यारी की पक्षी भी मुरीद हो चुके हैं। यही वजह है कि रंजीत को देखते ही पक्षियों का झूंड उनके आसपास मंडराने लगता है। अपने घर में पाले गए पक्षियों को उन्होंने कई नाम दे रखा है। दुलारी, ¨पकी, मुनिया सहित अन्य नामों की आवाज सुनकर पक्षी उनके पास पहुंच जाते हैं। हर सुबह पक्षियों को दाना पानी डालकर ही वे किसी अन्य काम को निकलते हैं। यह वजह है कि उनके घर के आसपास कई विलुप्त हो चुके पक्षियों का जोड़ा भी दिखाई देता है।
विभिन्न क्षेत्रों से ला चुके हैं पक्षी :
रंजीत जहां भी जाते हैं वहां की पक्षी की एक दो प्रजाती वे खरीद लाते हैं और अपने क्षेत्र में उसे संरक्षित करते हैं। उन्होंने टर्की पक्षी का जोड़ा लखनऊ से लाया है। इसके साथ ही पहारी मैना, लक्का, लोटन जैसी कबूतर की कई प्रजाती उनके घर है। जबकि उनके घर के आसपास तीतर, बटेर, कोयल सहित अन्य पक्षियों का झूंड भी दिखाई देता है। रंजीत बताते हैं कि उन्हें अन्य दुर्लभ पक्षियों की तलाश है अगर पक्षी उपलब्ध हो तो वे उसे संरक्षित करने की पहल करेंगे।
फोटो:- 24 केएटी- 13
- विभिन्न पक्षियों को पालने के शौकिन है सेमापुर निवासी रंजीत ¨सह
- घर के आस-पास पेड़ों पर भी बनाया घोसला, करते हैं देखभाल
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