नीतीश के मंत्री ने कहा- दलित होने के कारण मुझे किया गया अपमानित
मंत्री डॉ. रमेश ऋषिदेव ने डीडीसी मुकेश कुमार पर आरोप लगाया है कि दलित होने की वजह से उनकी बातों को अनसुना किया गया। उन्हें अपमानित किया।
मधेपुरा [जेएनएन]। राज्य के अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री ने मधेपुरा डीडीसी पर दलित होने की वजह से अपमानित करने का आरोप लगाया है। मंत्री डॉ. रमेश ऋषिदेव ने डीडीसी मुकेश कुमार पर आरोप लगाया है कि दलित होने की वजह से उनकी बातों को अनसुना किया गया।
मंत्री ने डीडीसी पर मोटी रकम लेकर महोत्सव में यूपी के रामायण मूर्ति का रामायण कार्यक्रम रद करने का भी आरोप लगाया। इन्होंने कहा कि सिंहेश्वर महोत्सव में उन्हाेंने रामायण शंकर मूर्ति का कार्यक्रम कराए जाने को कहा था। इसके लिए पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार को भी पत्र लिखा, लेकिन डीडीसी ने जानबूझकर रामायण वाले को अग्रिम देने में विलम्ब कर कार्यक्रम रद कराया।
मंत्री ने कहा कि डीडीसी नहीं चाहते थे कि एक दलित और गरीब का बेटा महाशिवरात्रि मेला और महोत्सव का उद्घाटन करे। इसीलिए मेरे एवं पर्यटन मंत्री के अनुरोध को अनसुना करते हुए रामायण मूर्ति का कार्यक्रम नही होने दिया। डीडीसी ने सिंहेश्वर महाशिवरात्रि मेला में आने वाले थिएटर वालों से मोटी रकम लेकर कार्यक्रम रद करने का आरोप लगाया। मंत्री ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से शिकायत करने की भी बात कही है।
मेला का नहीं किया था उद्घाटन
14 फरवरी को सिंहेश्वर महाशिवरात्रि मेला का उद्घाटन भी मंत्री डॉ. रमेश ऋषिदेव को ही करना था। लेकिन महोत्सव में रामायण मंचन का कार्यक्रम रद होने से मंत्री आक्रोशित हो गए और मेला उद्घाटन में नहीं गए। मंत्री के इंतजार में मेला का उद्घाटन दो घंटे तक नहीं हो पाया था। वहीं गुरुवार को भी मंत्री के इसी आक्रोश की वजह से महोत्सव में न तो पर्यटन मंत्री आए और न ही एससी एसटी कल्याण मंत्री डॉ. रमेश ऋषिदेव आए।
क्या है मंत्री के नाराजगी की वजह
एससी एसटी कल्याण मंत्री ने सिफारिश पर पर्यटन मंत्री ने डीएम को रामायण शंकर मूर्ति का सात दिनों का कार्यक्रम कराये जाने को पत्र लिखा था। लेकिन महोत्सव के लिए कम आवंटन रहने की वजह से उनका 15 एवं 16 फरबरी का दो दिन का महोत्सव के लिए कार्यक्रम तय किया गया। महोत्सव के लिए छपाए गए कार्ड एवं हॉर्डिंग में भी इनके कार्यक्रम का उल्लेख था। लेकिन समय पर अग्रिम नहीं मिलने से रामायण मूर्ति ने अपना कार्यक्रम रद कर दिया। जिला प्रशासन द्वारा रामायण मूर्ति को मनाने का भी प्रयास किया गया लेकिन वो आने को राजी नही हुए।