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बूढ़ानाथ मंदिर में रामकथा : रामचरितमानस पढऩे से पहले करें माता-पिता की सेवा Bhagalpur News

बाबा बूढ़ानाथ मंदिर के प्रांगण में श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ समिति द्वारा रामकथा का आयोजन किया गया।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 01:36 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 01:36 PM (IST)
बूढ़ानाथ मंदिर में रामकथा : रामचरितमानस पढऩे से पहले करें माता-पिता की सेवा Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। रामचरितमानस पढऩे से पहले माता-पिता की सेवा करें। माता, पिता और गुरु को नहीं मानने वालों के लिए रामचरितमानस पढऩा निरर्थक है। बूढ़ानाथ परिसर में आयोजित रामकथा में पटना से पधारे कथावाचक पंडित पंकज ने उक्त बातें कही। बाबा बूढ़ानाथ मंदिर के प्रांगण में श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ समिति द्वारा रामकथा का आयोजन किया गया। प्रथम दिन समिति के मुख्य संरक्षक पंडित बाल व्यास जी महाराज ने प्रवचन में कहा कि रामचरित मानस एवं वेद शास्त्र पुराण के अनुसार भगवान का स्वरूप बताया गया है।

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इसके पूर्व रामकथा आयोजन का उद्धघाटन बाबा बूढ़ानाथ मंदिर के मंहत शिवनारायन गिरी, समिति के मुख्य संरक्षक पंडित बाल व्यास जी महाराज, वार्ड पार्षद विदुवाला सिंह, कृष्णा कलायन संस्था की निदेशक श्वेता सुमन ने सम्मलित रूप से किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्यामा प्रसाद घोष, प्रभुदयाल टिबड़ेवाल, दीपक घोष, अभय घोष, लाल दा, अमरनाथ मिश्रा, अवध प्रसाद, अभय घोष सोनू, धर्मवीर सिन्हा, अरुण राय, भूप नारायण पाण्डेय, शैलेश दास,चंदन कर्ण, प्रणव दास व डॉ केशरी कुमार सिंह का रहा।


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