अब भागलपुर में भी उपजेगा रायपुरिया अमरूद, पत्ते चबाने से भी होगा लाभ
इस किस्म के एक सौ पौध बीएयू के उद्यान में लगाए गए हैं। सफल प्रयोग होने पर इसका व्यापक प्रसार किया जाएगा। इसका आध्यात्मिक लाभ भी हैं।
भागलपुर [अमरेन्द्र कुमार तिवारी]। जाड़े के मौसम में छतीसगढ़ के रायपुर से आने वाले बड़े आकार के अमरूद लोगों को खूब भा रहे हैं। जिले में इसकी मांग सेब से भी ज्यादा है। रायपुरिया अमरूद की बढ़ती मांग को देखते हुए बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) ने इस पर शोध शुरू कर दिया है। इस किस्म के एक सौ पौध बीएयू के उद्यान में लगाए गए हैं। उद्यान विभाग के वरीय वैज्ञानिक डॉ. संजय सहाय का कहना है कि शोध में सफलता मिली तो भागलपुर के लोगों को जाड़े के मौसम में रायपुर के अमरूद का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यहां भी इसकी व्यवसायिक खेती शुरू की जाएगी।
15 हजार हेक्टेयर में होती है खेती
जिले के 15 हजार हेक्टेयर में अमरूद की खेती होती है। इस फल का वर्ष में तीन बार फलन होता है। बरसात में होने वाले फल का बाजार मूल्य कम होता है पर जाड़ा और बसंत में फलने अमरूद का बाजार मूल्य तो कश्मीर के सेब को भी टक्कर देता है।
इन किस्मों के लगाए जाते हैं बाग
यहां के किसान इलाहाबाद सफेदा, एल-49 एवं लाल गुदा वाले किस्म लीलत की ज्यादा व्यवसायिक खेती करते हैं।
अमरूद खाएं, कब्ज को दूर भागाएं
हर जगह सहजता से पाया जाने वाला अमरूद औषधीय गुणों का भंडार है। यह कई रोगों के उपचार में रामबाण है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन एवं मिनरल्स पाए जाते हैं। कच्चे अमरूद में विटामीन सी की मात्रा ज्यादा होती है। भोजन के समय इस फल के नियमित सेवन से कब्ज से छुटकारा मिल जाता है। अमरूद का सीरम कोलेस्ट्राल को कम कर उच्च रक्तचाप से बचाता है। इसके बीज को खूब चबाकर खाने से लौह तत्व की पूर्ति होती है। इतना ही नहीं इसके पत्तों को रोज चबाने से दांतों के कीड़े और रोग दूर हो जाते हैं।
100 ग्राम के अमरूद में यूं पाए जाते हैं मिनिरल (मिलीग्राम में)
कैल्शियम - 18
आयरन - 0.26
मैग्नीशियम - 22
पोटैशियम - 417
सोडियम - 02
फॉस्फोरस - 40
जिंक - 0.23
जिस भूमि पर हो यह पेड़ वास्तुशास्त्र में श्रेष्ठ
हमारी संस्कृति में पेड़ पौधों का अपना खास महत्व होता है। कहा जाता है कि जिस भूमि पर अमरूद के पेड़ होते हैं व भूमि वास्तुशास्त्र में बहुत श्रेष्ठ माना जाता है।
बीएयू के वीसी डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि रायपुर से आने वाले अमरूद की खेती भागलपुर में कैसे हो वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे हैं। शोध में सफलता मिलने पर बीएयू इसके पौध तैयार कर किसानों में वितरण करेगा। ताकि किसान इसकी व्यावसायिक खेती कर आमदनी बढ़ा सके।