ट्रेनें रद होने पर रिफंड देकर कोरम पूरा कर रहा रेलवे, यात्री भुगत रहे खामियाजा
भागलपुर। आपने एक माह बाद ट्रेन से सफर के लिए आरक्षण भी करा लिया है और अचानक उस तारी
भागलपुर। आपने एक माह बाद ट्रेन से सफर के लिए आरक्षण भी करा लिया है और अचानक उस तारीख को ट्रेन रद हो जाए तो परेशान होना लाजिमी है। रेलवे एक फूल रिफंड देकर पल्ला झाड़ रहा है और इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। यात्रियों को होने वाली परेशानी से रेलवे को कोई मतलब नहीं है। अचानक ट्रेन रद होने से यात्रियों को मानसिक तनाव का शिकार होना पड़ रहा है। इसके बाद भी रेलवे को यात्रियों को परेशानी से कोई वास्ता नहीं है। अभी रेलवे अपने मन मुताबिक काम कर रही है।
दरसअल, भागलपुर से आनंद विहार टर्मिनल के बीच स्पेशल बनकर चल रही विक्रमिशला एक्सप्रेस को 28 जनवरी तक सप्ताह में दो दिन मंगलवार और गुरुवार भागलपुर और बुधवार और शुक्रवार आनंद विहार टर्मिनल से रद किया गया था। इसके बाद इस ट्रेन में अप्रैल तक की बुकिग आरक्षण सूची में दिख रहा था। भागलपुर के सैकड़ों यात्रियों ने इन दोनों दिनों में जनवरी के पहले सप्ताह में आरक्षण करा लिया। यात्री उस दिन सफर करने की तैयारी करते हैं तो मालूम चलता है उनकी ट्रेन रद है। रेल अधिकारी की मानें तो ट्रेन रद होने के बाद उसमें आरक्षण कराए यात्रियों को असुविधा न हो इसके लिए रेलवे की ओर से संदेश भेजा जाता है।
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रिफंड नहीं यात्रा की व्यवस्था करे रेलवे
मंगलवार को भागलपुर से आनंद विहार टर्मिनल के बीच चल रही विक्रमिशला रद थी। इस ट्रेन में कई ऐसे यात्रियों ने एक माह पहले आरक्षण करा रखा था, जिन्हें इलाज के लिए दिल्ली जाना था। अचानक ट्रेन रद होने के कारण यात्री को दूसरी ट्रेन में जगह नहीं मिली। लाचार होकर निजी वाहन से दिल्ली रवाना हुए। यात्रियों को कहना है कि रेलवे को ट्रेन रद के बाद रिफंड नहीं देकर दूसरी ट्रेन में ही भेजने की व्यवस्था करनी चाहिए।
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नहीं मिलता है कंफर्म टिकट
यात्री अपनी सुविधा के अनुसार महीनों पहने कंफर्म आरक्षण कराते हैं, ऐसे में ट्रेन कैंसिल करने के बाद फिर से कंफर्म टिकट नहीं मिल पाता है। ऐसे में यात्रियों को दोहरी परेशानी झेलनी पड़ती है। कंफर्म टिकट के लिए दलालों का सहारा लेना पड़ता है। यात्रियों को मोटी रकम देनी पड़ती है। -----------------------
यात्री हित में नहीं है ट्रेन रद करना
केंद्रीय रेलवे रेल यात्री संघ के अध्यक्ष विष्णु खेतान ने कहा कि दुर्घटना या कोई खास वजह के कारण ही ट्रेनें को रद किया जाता है। अचानक ट्रेनों को रद करना यात्री हित में नहीं है। यात्री, मरीज से लेकर छात्र अपनी सुविधानुसार यात्रा का प्लान बनाते हैं और आरक्षण कराते हैं। ऐसे में ट्रेन रद करना सरासर गलत है। जिस दिन ट्रेन रद की जाती है तो रेलवे को उस दिशा में जाने वाली दूसरी ट्रेन में यात्रियों को भेजने की व्यवस्था करनी चाहिए। इससे यात्रियों को थोड़ी परेशानी कम होगी।