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पूर्णिया और रुपौली विधानसभाओं के मतदाता से कम मतदान का कारण आयोग की जानेगी टीम, जानिए वजह

कोसी सीमांचल के तीन जिलों के छह विधानसभा को किया गया चिन्हित किया गया है। चुनाव आयोग की टीम यहां आकर मतदाताओं से बातचीत करेगी। उनसे कम मतदान का कारण जानेगी। जनता से पिछले चुनाव में वोट नहीं डालने का कारण भी पूछेगी।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 03:55 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 03:55 PM (IST)
पूर्णिया और रुपौली विधानसभाओं  के मतदाता से कम मतदान का कारण आयोग की जानेगी टीम, जानिए वजह
प्रश्नावली के आधार पर तैयार किया जाएगा जनता के फीडबैक का डाटा

पूर्णिया [शैलेश] । राज्य निर्वाचन आयोग चुनावी प्रक्रिया को और अत्यधिक सशक्‍त बनाने के लिए विधानसभा चुनाव के बाद फिर से जनता से रूबरू होगा। आयोग मतदाताओं को टटोलकर यह जानने की कोशिश करेगा कि वे पिछले चुनाव में किस कारण से मतदान नहीं किया। वहीं चुनाव में मतदान करने वाले के मन में क्या चल रहा है। इस सारे कार्य को चुनाव आयोग एक संस्थान के माध्यम से कराएगी और जनता से मिले फीडबैक को स्वीप अभियान में शामिल कर मतदान को बढ़ाने का प्रयास करेगा। मतदान के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाकर मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके लिए पूरे प्रदेश के 243 विधानसभा में से 40 विधानसभा को चिन्हित किया गया है।

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इसमें पूर्णिया जिला के पूर्णिया और रूपौली विधानसभा के अलावा कोसी-सीमांचल के अन्य जिला कटिहार के कटिहार और मनिहारी सहित सुपौल जिला के त्रिवेणीगंज और छातापुर विधानसभा को शामिल किया गया है। चिन्हित विधानसभा में चुनाव आयोग द्वारा चयनित चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान की टीम पहुंचेगी। यह टीम जनता से राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार प्रश्नावली के आधार पर वोट देने वाले और वोट ना देने वाले से चुनाव और मतदान को लेकर जानकारी इक_ा करेगी। इसमें जनता का ज्ञान और व्यवहार का सर्वे किया जाएगा। एजेंसी के माध्यम से डाटा का आंकड़ा तैयार किया जाएगा। इसके लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी को पत्राचार सर्वे के संबंध में जानकारी दिया है।

मत प्रतिशत कम होने वाले विधानसभा को किया गया है शामिल

विधानसभा चुनाव के बाद जनता से रूबरू होने के लिए चुनाव आयोग ने मत प्रतिशत कम होने वाले विधानसभा को चिन्हित किया है। इसमें चिन्हित पूर्णिया विधानसभा में वर्ष 2020 के चुनाव में 57.23 प्रतिशत मतदान हुआ वहीं 2015 में 65.28 प्रतिशत मतदान हुआ था। रूपौली विधानसभा में 2020 के चुनाव में 56.5 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि 2015 के चुनाव में 61.78 प्रतिशत मतदान हुआ था। कटिहार जिला के कटिहार में 2020 में 61.7 प्रतिशत मतदान हुआ वहीं 2015 में 63.73 प्रतिशत मतदान हुआ था। सुपौल जिला के त्रिवेणीगंज विधानसभा में 2020 में 61 प्रतिशत जबकि 2015 में 60.45 प्रतिशत मतदान हुआ था। छातापुर विधानसभा में 2020 में 66.2 प्रतिशत वहीं 2015 में 65.79 प्रतिशत मतदान हुआ था।

जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी बोले

जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी अनिरूद्व प्रसाद यादव ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर सर्वे टीम आने की जानकारी प्राप्त हुई है। जल्द ही टीम आकर आयोग के निर्देशानुसार काम करेगी।


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