लॉकडाउन में घर पर बनाएं पशुओं का चारा
लॉकडाउन के दौरान पशु चारा बनाने की वैकल्पिक तकनीक विकसित की गई है। पशुपालक इसे घर पर बना सकते हैं।
भागलपुर। लॉकडाउन के दौरान पशु चारा बनाने की वैकल्पिक तकनीक विकसित की गई है। पशुपालक इसे घर पर बना सकते हैं। बांका जिले के अमरपुर में कई पशुपालक इस विधि से चारा तैयार रहे हैं। जिले के कृषि विज्ञान केंद्र ने इसे लेकर कुछ पशुपालकों को प्रशिक्षित भी किया है।
घर पर चारा तैयार करने के लिए गन्ने की खोही, लकड़ी की कुन्नी, मक्के का डंठल, मकई का दाना निकालने के बाद बचा हिस्सा, छिलका, धान की भूसी, सरसों-अरहर के डंठल आदि से पशुओं का आहार बनाया जा सकता है। केवीके, बांका के वैज्ञानिक डॉ. धर्मेद्र कुमार ने बताया कि आपात स्थिति में फसल अवशेष व जलावन से गुणवत्तायुक्त पशुचारा बनाया जा सकता है। फसल अवशेष को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर जमीन पर 15 से 20 सेंटीमीटर मोटी परत बनाकर इसे फैला कररखें। गुड़, नमक और यूरिया का घोल बना कर इसपर छिड़कें। इससे बना चारा स्वादिष्ट और गुणवत्तायुक्त होता है। अमरपुर प्रखंड की सिझुवा निवासी सविता देवी ने बताया कि केवीके से सीखकर वह भी इसी प्रकार से चारा तैयार कर रही हैं।
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अभी आपात स्थिति है। इसमें पशुओं के लिए वैकल्पिक चारा बनाने की विधि किसानों को ह्वाट्सएप के माध्यम से बताई जा रही है। पशुपालक इस विधि से जलावन का उपयोग कर चारा बना सकेंगे।
- डॉ. अजय कुमार सिंह
कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर