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Power crisis in Bhagalpur : 35 साल पुराना तार नहीं ले रहा लोड, ट्रिपिंग की समस्या से लोग परेशान

Power crisis in Bhagalpur सिल्‍क सिटी में बिजली आपूर्ति की स्थिति ठीक नहीं है। 35 साल पुराने तार के सहारे बिजली आपूर्ति हो रही है। इससे बार बार ट्रिपिंग की समस्‍या आ रही है। लोग इससे परेशान हो रहे हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 11:27 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 11:27 AM (IST)
Power crisis in Bhagalpur : सिल्‍क सिटी में बिजली आपूर्ति की स्थिति ठीक नहीं है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। देख तमाशा बिजली का, झलक दिखा चली जाती है। बिजली आपूर्ति को लेकर विभाग बेशक अपनी पीठ थपथपा रहा हो, लेकिन हकीकत में तस्वीर दावों से अलग ही बयां हो रही है। ट्रिपिंग की समस्या ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। इन दिनों पड़ रही तेज गर्मी के कारण जहां बिना पंखे, कूलर के लोगों का रहना मुश्किल हो रहा है बिजली ट्रिपिंग समस्या को बढ़ा देती है। शायद ही ऐसा दिन नहीं हो जब दस से पंद्रह बार बिजली ट्रिपिंग की समस्या खड़ी नहीं होता हो। हर आधा-एक घंटे में बिजली ट्रिप कर रही है। इसकी वजह से दो से तीन घंटे आपूर्ति बाधित होती है।

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दरअसल, दस सालों में शहरी क्षेत्र में कनेक्शन बढ़कर सवा लाख से अधिक हो गया है। लेकिन उपभोक्ताओं के हिसाब से व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया जा सका है। 35-40 साल पुराने जर्जर तार लोड लेने की स्थिति में नहीं है। वहीं दवाब के हिसाब से उपकेंद्रों के पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता नहीं बढ़ाई जा सकी है। व्यवस्था में सुधार नहीं होने की स्थिति में विभाग सुरक्षा की दृष्टिकोण से पावर ट्रांसफार्मर में लगे पैनल का लोड सेटिंग कर देते हैं। मसलन, किसी पावर ट्रांसफार्मर के पैनल का 400 एमपीयर तक लोड सेटिंग किया गया है। इससे एक एमपीयर अधिक लोड बढऩे पर बिजली ट्रिप कर जाती है।

ट्रिपिंग के कारण फीडर से संबंधित इलाकों की बिजली बाधित हो जाती है, लेकिन पैनल के लोड सेटिंग के एमपीयर पर काटा आते ही बिजली आपूर्ति शुरू हो जाती है। गर्मी में खपत बढऩे के साथ ही ट्रिपिंग बढ़ जाती है। पिछले कई दिनों से ट्रिपिंग के कारण बिजली की आंख मिचौनी से लोग परेशान हैं। मंगलवार को भी ट्रिपिंग की यही समस्या बनी रही। सुबह छह बजे से शाम छह बजे के बीच 12 घंटे के दरम्यान सात-आठ बार भीखनपुर फीडर का ट्रिपिंग करने से लगभग दो घंटे बिजली आपूर्ति बाधित हुई।

ट्रिपिंग की यही स्थिति औद्योगिक, पटलबाबू, विक्रमशिला, मिरजान, मायागंज, बरारी, घंटाघर, आदमपुर फीडर की भी रही। दस से बारह बार ट्रिपिंग की समस्या खड़ी हुई। इनमें औद्योगिक फीडर की स्थिति सबसे खराब रही। सुबह से देर शाम सात बजे के बीच पंद्रह-सोलह बार ट्रिपिंग होने के कारण के तीन घंटे से अधिक देर के लिए बिजली आपूर्ति प्रभावित रही। पिछले एक माह से ट्रिपिंग की समस्या बढ़ी है। बियाडा में कई फैक्ट्रियां हैं। इन फैक्ट्रियों द्वारा हजारों का बिल भुगतान किया जाता है। ट्रिपिंग के कारण सबौर ग्रिड से निर्बाध आपूर्ति होने के बाद बिजली संकट झेलना पड़ रहा है।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार लोड बढऩे से जर्जर तारों के टूटने और पावर ट्रांसफार्मर खराब होने की संभावना पर सुरक्षा की दृष्टिकोण से पैनल का एमपीयर सेटिंग किया जाता है। निर्धारित एमपीयर से एक एमपीयर अधिक लोड बढऩे पर फीडर बंद हो जाता है।

कितने किलोमीटर जर्जर तार बदलने की है जरूरत

-11 हजार वोल्ट तार

80 किलोमीटर में अबतक 23 किमी बदलने का काम पूरा हो चुका है

- 33 हजार वोल्ट तार

92 किलोमीटर में अबतक 56 किलोमीटर में तार बदले जा चुके हैं

- एलटी लाइन

500 किलोमीटर में अबतक 155 किलोमीटर ही तार बदलने का काम हो सका है।

-ट्रांसफार्मर

485 जगहों में दो सौ केवी के ट्रांसफार्मर बदलने हैं इनमें अबतक 250 बदले जा चुके हैं।

गर्मी में लोड दोगुने बढ़ जाती है। तार बदलने का काम चल रहा है। दिसंबर तक तारों के बदलने और नए उपकेंद्रों को चालू होने उपकेंद्रों की संख्या बढऩे पर फीडरों की संख्या भी बढ़कर 48 हो जाएगी। इससे फीडरों पर लोड कम होने से ट्रिपिंग की समस्या भी खत्म हो जाएगी। -श्रीराम सिंह, अधीक्षण अभियंता सह डीजीएम, एसबीपीडीसीएल।  


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