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मधेपुरा में मुख्य पार्षद को लेकर गरमाई सियासत, चुनाव में देरी को लेकर पार्षदों ने जताया आक्रोश

मधेपुरा में मुख्य पार्षद की कुर्सी को लेकर राजनीति गरमा गई है। इससे पूर्व 21 पार्षदों ने मुख्य पार्षद के चुनाव की तिथि निर्धारित नहीं होने के खिलाफ 18 सितंबर से ही धरना पर थे। हालांकि इसके बाद वे लोग शांत हो गए थे। लेकिन...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 05:00 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 05:00 PM (IST)
मधेपुरा में मुख्य पार्षद की कुर्सी को लेकर राजनीति गरमा गई है।

संवाद सूत्र, मधेपुरा। मधेपुरा नगरपरिषद के वर्तमान मुख्य पार्षद सुधा कुमारी के खिलाफ दोबारा अविश्वास प्रस्ताव पर सोमवार को विशेष बैठक आयोजित की गई है। ईओ अजय कुमार द्वारा जारी पत्र के अनुसार सभी 21 पार्षदों को पत्र भेज दिया है। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पूरे दिन शहर में सरगर्मी बढ़ी रही। विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से अश्वस्त हैं।

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मालूम हो कि इससे पूर्व छह अगस्त को मुख्य पार्षद सुधा कुमारी पर अविश्वास प्रस्ताव लगाया गया था। जो पारित भी हो गया लेकिन हाल के दिनों में ईओ ने इस आलोक में हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अविश्वास प्रस्ताव को विधिसम्मत नहीं माना। इससे पूर्व 21 पार्षदों ने मुख्य पार्षद के चुनाव की तिथि निर्धारित नहीं होने के खिलाफ 18 सितंबर से ही धरना पर थे। लेकिन इस बाबत ईओ का पत्र जारी होते ही 25 दिन से नगर परिषद में आंदोलनकारियों का जारी हड़ताल समाप्त हो गया।

वहीं आंदोलन समाप्त करते ही आंदोलनकारियों ने कार्यपालक पदाधिकारी के पत्र के आलोक में पुणे निवर्तमान मुख्य पार्षद सुधा कुमारी के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव का पत्र भेज दिया। इस बाबत कार्यपालक पदाधिकारी अजय कुमार ने कहा कि सभी पार्षदों द्वारा लगाए गए निर्वतमान मुख्य पार्षद सुधा कुमारी के विरूद्ध जो अविश्वास प्रस्ताव लगाया गया था, उसकी प्रक्रिया पूर्ण करने में बिहार नगर पालिका अधिनियम की धारा 49 का अनुपालन नहीं किया गया था।

राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर पंचायत कोचस (रोहतास) में लगाए गए अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित दायर याचिका में हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया है। ईओ ने कहा कि मधेपुरा में भी यह मामला कोचस के मामले जैसे समरूप था। ऐसी स्थिति में मधेपुरा के मुख्य पार्षद के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित नहीं माना जा सकता है तथा वर्तमान में सुधा कुमारी द्वारा ही मुख्य पार्षद का दायित्व का निर्वहन किया जाना विधि सम्मत है।

पूरे दिन चलता रहा गहमागहमी

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पूरे दिन शहर में गहमागहमी बनी रही। सुस्त पड़े सभी पार्षद अचानक सक्रिय हो गए हैं। दोनों खेमा एक बार फिर से तुकबंदी शुरू कर दिया है। यद्यपि विपक्ष अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से अश्वस्त दिख रहा है। लेकिन भीतरघात की आशंक से विपक्ष भी डरा है। विपक्ष भी मान रहा है कि कुछ पार्षदों फिर कुछ नया गुल खिला सकता है। ऐसे में विपक्ष टीम को एकजुट कर आगे की रणनीति बनाया जा रहा है। जबकि मुख्य पार्षद का खेमा वेट एंड वाच की स्थिति में है। दूसरी ओर अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सुरक्षा के भी व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं।

विपक्ष को इस बाबत पत्र नगर विकास विभाग के निर्देश व हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में भेज दिया गया था। उम्मीद है कि बहस पर चर्चा पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगी।

अजय कुमार, ईओ, मधेपुरा नगरपरिषद

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