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पुलिस के लिए सिरदर्द बना साइबर अपराध, जांच में छूट रहे पसीने Bhagalpur News

साइबर अपराध की जांच के लिए अलग से साइबर थाना या जिले में अलग ईकाई नहीं है। इस कारण पुलिस जैसे तैसे जांच कर मामले की खानापूरी करते हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 11:45 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 11:45 AM (IST)
पुलिस के लिए सिरदर्द बना साइबर अपराध, जांच में छूट रहे पसीने Bhagalpur News
पुलिस के लिए सिरदर्द बना साइबर अपराध, जांच में छूट रहे पसीने Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। इन दिनों साइबर अपराध लोगों और पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है। साइबर अपराधी हाइटेक तरीकों से झटके में किसी के बैंक खाते में सेंध लगा रुपये निकाल लेते हैं। लेकिन पुलिस परंपरागत तरीके से पुराने ढर्रे पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू करती है। इसकी जांच ऐसे अफसरों को मिल रही है, जो तकनीक के मामलों में अपडेट नहीं हैं। ऐसे में थानों और पुलिस चौकी में साइबर अपराध से जुड़े दर्जनों मामले जांच के लिए लंबित पड़े हुए हैं।

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जांच के लिए नहीं है अलग से ईकाई

साइबर अपराध की जांच के लिए अलग से साइबर थाना या जिले में अलग ईकाई नहीं है। इस कारण पुलिस जैसे तैसे जांच कर मामले की खानापूरी करते हैं। किसी भी थाने या पुलिस चौकी में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस पारंपरिक तरीके से जांच शुरू करती है। जो कुछ ही दिनों बाद दम तोड़ देती हैं।

साइबर अपराध की श्रेणी

साइबर अपराध की श्रेणी में ऑनलाइन ठगी, ईमेल से धमकी, सोशल साइट पर प्रोफाइल के साथ छेड़छाड़, प्रोफाइल से फोटो लेकर बिना अनुमति गलत प्रचार करना, अफवाह फैलाना, फर्जी कॉल कर गुप्त जानकारी लेकर ठगी करना आदि आती हैं। इन मामलों में आइपीसी और साइबर एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज होते हैं।

जागरुकता ही उपाय

साइबर ठगी से बचाव का एक उपाय सावधानी और जागरूकता है। यदि ठगी से बचना है तो आप अपना बैंक से संबंधित किसी भी जानकारी अनजान लोगों को ना बताएं, यदि कोई भी फोन मोबाइल पर आए और बैंक से संबंधी किसी तरह की जानकारी मांगे तो कतई ना दें। बैंक ने भी इसके लिए निर्देश जारी किए हैं कि बैंक किसी भी गोपनीय जानकारी को फोन पर नहीं मांगता। इसके अलावा अपनी इंटरनेट संबंधी पासवर्ड गुप्त रखें।

एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि साइबर अपराध के मामलों के लिए जिले में साइबर सेल कार्यरत हैं। जो इस तरह के अपराध में जांचकर्ता को सहयोग करते हैं। कई मामलों में पुलिस ने सेल की मदद से बदमाशों को भी दबोचा है। इस अपराध से बचने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि वे अपने बैंक से संबंधित गोपनीयता किसी से शेयर ना करें।

हाल ही में साइबर ठगी के मामले

21 जुलाई : मिरजानहाट निवासी अरुण कुमार तिवारी का साइबर ठगों ने बैंक का नंबर बदलकर 4.15 लाख की ठगी

10 जुलाई : आदमपुर निवासी राजीव कुमार के दो बैंक खाते से साइबर ठगों ने 55 हजार छह सौ रुपये उड़ा लिया

तीन जून : जेएलएनएमसीएच में तैनात नर्स दिव्या भारती के बैंक खाते से साइबर ठगों ने 40 हजार रुपये उड़ाया

पांच अप्रैल : मारवाड़ी पाठशाला के शिक्षक नवीन कुमार शर्मा के खाते से साइबर ठगों ने 31 हजार दो सौ रुपये उड़ाया

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