Acid attack : सुपारी देकर तो नहीं कराया गया छात्रा पर हमला, पुलिस कर रही जांच
जिस तरह छात्रा पर सफाई से एसिड हमला हुआ। इससे पता चलता है कि यह घटना पूरी तैयारी के साथ अंजाम दिया गया है। इसके लिए छात्रा के घर की रेकी भी गई होगी।
भागलपुर [जेएनएन]। अलीगंज में छात्रा पर हुए एसिड से हमले को लेकर पुलिस अलग-अलग बिंदुओं पर जांच कर रही है। अब तक प्रिंस और राजा नाम के दो लड़कों को गिरफ्तार किया गया है। फिर भी कई सवाल अब भी अनसुलझे हैं। प्राथमिकी में कही बातें और छात्रा के बयान में भी समानता नहीं हैं। पिता के बयान पर बबरगंज चौकी में प्रिंस और उसके अज्ञात तीन साथियों पर केस दर्ज हुआ है। जिसमें पिता ने कहा है कि प्रिंस ने ही बेटी पर एसिड डाला था। जबकि छात्रा ने अपने बयान में कहा है कि प्रिंस के इशारे पर एसिड से हमला हुआ था। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि कहीं अपराधियों को छात्रा पर एसिड हमले की सुपारी तो नहीं दी गई थी।
एसिड से हुए हमले के तरीके से हो रही शंका
जिस तरह छात्रा पर सफाई से एसिड हमला हुआ। इससे पता चलता है कि यह घटना पूरी तैयारी के साथ अंजाम दिया गया है। इसके लिए छात्रा के घर की रेकी भी गई होगी। ताकि कहीं से भी अपराधी इस घटना में फेल नहीं हों। अपराधियों ने 15-20 मिनट में छात्रा पर एसिड फेंक कर भाग निकले। अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि छात्रा पर किस चीज से एसिड फेंकी गई थी। इस मामले में छात्रा भी कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं है। इससे यह पता चलता है कि छात्रा को इतना भी समय नहीं दिया गया कि वह किसी को पहचान पाती या किसी की आवाज सुन पाती।
तीन पुराने दागी घटना के दिन से ही हैं फरार
अलीगंज में जिस दिन छात्रा पर एसिड से हमला हुआ था। उस दिन से ही मोजाहिदपुर इलाके के तीन पुराने दागी फरार हैं। पुलिस के शक की सुई उन तीनों की ओर भी घूम गई है। हालांकि वे इस घटना में शामिल हैं या नहीं, उनके पकड़ाने के बाद ही पता चलेगा। पुलिस ने उन तीनों की भी कुंडली खंगाल ली है। भैरो गांव के आसपास सीसीटीवी में कुछ संदिग्धों की गतिविधि कैद हुई है। जिसकी जांच पुलिस कर रही है।
संदिग्धों को पकडऩे के लिए एक दर्जन ठिकानों पर छापेमारी
अलीगंज में छात्रा को एसिड से नहलाने के मामले में संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए मंगलवार की रात विशेष जांच टीम यानी एसआइटी ने भागलपुर और बांका के एक दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की। पुलिस के आने से पहले ही संदिग्ध अपने ठिकानों से भाग गए थे। इस कारण एसआइटी को सफलता नहीं मिली। एसआइटी ने आधी रात बाद चंपानगर के विषहरी स्थान, नाथनगर समेत आदि जगहों पर छापेमारी की। छापेमारी के लिए सिटी डीएसपी राजवंश सिंह समेत कई थानों और चौकी की पुलिस पहुंची थी। अभी भी पुलिस कई से पूछताछ कर रही है।
बारीकी से खंगाला जा रहा सीसीटीवी कैमरा
घटना में शामिल अपराधियों का सुराग ढूंढने के लिए एसआइटी काफी बारीकी से सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खंगालने में जुटी है। पुलिस को सीसीटीवी कैमरे से कुछ सुराग हाथ लगा है। घटना के बाद घर से अस्पताल ले जाने तक कुछ ऐसे चेहरे दिखे हैं। जो मदद भी नहीं कर रहे हैं और पूरी गतिविधि को वॉच कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस का शक उन लोगों को लेकर गहरा गया है। लेकिन जब तक उन संदिग्धों को पुलिस पकड़कर पूछताछ नहीं करती तब तक कुछ स्पष्ट हो पाना मुश्किल है।
तकनीकी अनुसंधान से भी आरोपितों का पता लगा रही पुलिस
इस मामले का पर्दाफाश करने के लिए एसएसपी आशीष भारती का जिला जांच इकाई यानी डीआइयू सेल भी काफी सक्रिय हो गया है। अपराधियों का पता करने के लिए तकनीकी अनुसंधान भी चल रहा है। लेकिन कुछ विशेष सफलता हाथ नहीं लगी है। तकीनीकी अनुसंधान की एसएसपी खुद मानीटरिंग कर रहे हैं। वहीं इस मामले की जानकारी वरीय अधिकारी भी ले रहे हैं। मुख्यालय अधिकारियों की भी नजर इस मामले का पर्दाफाश होने पर टिकी हुई है। इस मामले में पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है।
आधा दर्जन मोबाइल नंबरों की हो रही जांच
पुलिस घटना को लेकर आधा दर्जन से ज्यादा मोबाइल नंबरों की जांच कर रही है। पुलिस को इसमें भी कुछ ऐसे नंबर मिले हैं। जो लगातार एक दूसरे से संपर्क में थे। ऐसे नंबरों के धारकों का पता लगाकर पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। पूछताछ में भी पुलिस को कई नई जानकारियां मिली है। जिसका सत्यापन किया जा रहा है। पुलिस ने मोबाइल के आधार पर ही जगदीशपुर के अभिषेक से पूछताछ की थी।