फरार लापता का पता ढूंढ़ने में पुलिस की बढ़ रही परेशानी
हाल के दिनों घरेलू समस्या के कारण लोगों के घर छोड़कर भागने का प्रचलन बढ़ गया है।
पूर्णिया (शैलेश)। आधुनिकता के भागदौड़ भरी ¨जदगी में लोगों की पारिवारिक एवं आपसी कलह की परेशानी पुलिस पर भारी पड़ रही है। हाल के दिनों घरेलू समस्या के कारण लोगों के घर छोड़कर भागने का प्रचलन बढ़ गया है। घर छोड़कर भागने वाले लोग घर के सदस्यों को बिना कुछ बताए घर से फरार हो जा रहे हैं। इसके बाद परिजन थाने में गुमशुदगी एवं अपहरण का प्राथमिकी दर्ज कराकर पुलिस से जल्द से जल्द बरामदगी का दबाव बनाते हैं। परिजन के बयान पर पुलिस गुमशुदगी एवं अपहरण के उलझन में फंसकर दिन-रात अनुसंधान करती है फिर भी लोग पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाकर हंगामा शुरू करते हैं तब तक फरार व्यक्ति का पता चल जाता है। ऐसे फरार व्यक्ति पुलिस के लिए समस्या बनकर सामने आ रही है। विगत कुछ माह में अपनी परेशानी के कारण घर छोड़कर फरार लोगों के गुमशुदगी एवं अपहरण की प्राथमिकी दर्ज होने की संख्या बढ़ गई है। अभी भी गोकुल कृष्ण आश्रम रोड से बलराम कुमार देव और हरदा से एक लड़की फरार चल रही है।
घटना पर एक नजर::
केस स्टडी 1:- धमदाहा थाना में तीन दिन पूर्व राजेन्द्र मंडल ने अपने पुत्र जयनंदन मंडल के अपहरण का मामला दामाद सहित अन्य चार लोगों पर दर्ज कराया था। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस टीम गठित की गई और पुलिस सभी काम छोड़कर अपहृत युवक के तफ्तीश में जुट गई। इस दौरान अपहृत युवक के खोजबीन में पुलिस की लापरवाही को लेकर ग्रामीण थाना का घेराव कर प्रदर्शन किया था। अनुसंधान के क्रम में पुलिस को जब अपहृत जयनंदन का मोबाइल ऑन मिलने पर संपर्क किया तो वह अपने अपहरण नहीं मां से नाराजगी के कारण घर से भागने का बात बताया और फिर वापस आया।
केस स्टडी 2:-
मरंगा थाना क्षेत्र के लालगंज तीनटोला निवासी बीमा कंपनी के कर्मी हर्षवर्धन 7 सितंबर को घर के सदस्यों को बिना कुछ बताए नेपाल चला गया था। परिजनों ने अपहरण की आशंका जताकर गुमशुदगी का प्राथमिकी दर्ज कराया था। इसके बाद अनुसंधान के क्रम में दूसरे दिन लापता युवक के एक दोस्त ने हर्षवर्धन के नेपाल जाने की बात परिजन और पुलिस को बताया। इसके बाद 13 सितंबर को उसे नेपाल से वापस लाया गया। इस दौरान दो दिनों तक पुलिस उसकी खोजबीन में परेशान रही।
केस स्टडी 3:-
27 जुलाई को सहायक खजांची थाना क्षेत्र के महबूब खान टोला निवासी बहुमंजिला बाजार में किराना दुकान चलाने वाले आशीष जायसवाल लापता हो गया था। उसके परिजनों ने अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने जब अनुसंधान शुरू की तो दुकानदार आशीष जायसवाल घरेलू परेशानी के कारण घर छोड़कर भागने की बात सामने आई। पुलिस टीम उसके बरामदगी के लिए चार दिनों तक बंगाल में उसे खोजती रही। 10 दिन के बाद वह वापस घर चला आया। इतने दिनों तक पुलिस उसे खोजबीन करने में जुटी रही।
केस स्टडी 4:-
इंजीनिय¨रग कॉलेज का एक छात्र 26 जुलाई को पॉलीटेक्निक चौक स्थित किराए के कमरे से लापता हो गया था। उसके परिजनों ने केहाट थाना में गुमशुदगी का प्राथमिकी दर्ज कराया था। इसके बाद चार दिनों तक अनुसंधान किया गया। पांचवे दिन छात्र ने गोवा से अपने परिजनों को घूमने के लिए गोवा आने की बात कही थी। इतने दिनों तक पुलिस लापता छात्र का पता लगाने में परेशानी झेलती रही। कोट:-
घर छोड़कर भागने वाले लोगों के परिजन द्वारा गुमशुदगी एवं अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस अनुसंधान कर अपना काम करती है। बाद में पता चलता है कि वह अपनी परेशानी के कारण घर छोड़कर गया। वापस आने पर ऐसे लोगों को समझाया जाता है।
विशाल शर्मा, एसपी