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बिहार में नहीं होने दी जाएगी पेयजल संकट, जानें... PHED मंत्री की क्या है योजना Bhagalpur news

भागलपुर सहित बिहार में पेयजल संकट होने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार किया गया है। चापाकल भी लगाए जा रहे हैं। में जियो-टैग लगाए गए हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 03:02 PM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2020 03:20 PM (IST)
बिहार में नहीं होने दी जाएगी पेयजल संकट, जानें... PHED मंत्री की क्या है योजना Bhagalpur news

भागलपुर, जेएनएन। मरम्मत के बाद भी चापाकलों से पानी नहीं निकलने की शिकायत मिलती रहती है। इसलिए इस समस्या के समाधान के लिए ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार किया गया है। चापकलों में जियो-टैग लगाए गए हैं। क्लिक करते ही लोगों को चापाकलों की स्थिति का पता चल जाएगा। उपरोक्त बातें शुक्रवार को परिसदन में पत्रकारों से बातचीत में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) के मंत्री विनोद नारायण झा ने कही। उन्‍होंने कहा कि बिहार में पेयजल की समस्‍या नहीं होगी।

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मंत्री ने कहा कि बिहार में साढ़े नौ लाख चापाकल लगाए गए हैं। चापाकलों की लगातार मरम्मत कराई जाती है। लेकिन शिकायत मिलती है कि चापाकल ठीक नहीं हुआ है। पानी नहीं निकल रहा है। लोगों की शिकायत को दूर करने के लिए विभाग द्वारा साढ़े सात लाख चापाकलों में जियो-टैग लगाया गया है। अभियंता को चापालकों की पूर्व में कराई गई मरम्मत, मरम्मत का फोटो, उपकरणों की सूची व खर्च होने वाली राशि और आसपास के लोगों के सत्यापन संबंधी रिपोर्ट एक सप्ताह में ऑनलाइन करना होगा। अब ऑनलाइन के जरिए लोग चापाकलों की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। भागलपुर जिले के 16 हजार 611 चापाकलों में जियो-टैग लग चुका है। शेष चापाकलों में जल्द लगाने को कहा गया है।

जल-जीवन हरियाली के तहत जलस्त्रोतों को किया जाएगा पुर्नजीवित

मंत्री ने कहा कि जल-जीवन हरियाली के तहत जलस्त्रोतों को पुर्नजीवित करने का निर्देश दिया गया है। जिले के 242 पंचायतों के एक-एक कुआं की सफाई करने, सहरा और प्लेटफार्म बनाकर कुआं को लोहे से ढका जाएगा। इसमें प्रति कुआं 70 हजार से एक लाख रुपये तक खर्च होने का अनुमान है।

जलापूर्ति की दो महत्वाकांक्षी योजना पर भी चल रहा काम

उन्होंने कहा कि जिले की दो महत्वाकांक्षी योजनाएं सुल्तानगंज और कहलगांव-पीरपैंती में बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना पर काम चल रहा है। सुल्तानगंज की वर्ष 2011 में स्वीकृत योजना चार साल पूर्व ही पूरी होनी थी। पर तकनीकी समस्या के कारण इसमें विलंब हुआ। 253 करोड़ की कहलगांव-पीरपैंती बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना के पंद्रह टावर से अप्रैल में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। जबकि एक टावर के निर्माण पूरा होने में दो-तीन माह लग सकता है। इसके बाद इस टावर से अंतीचक पंचायत को जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी।

382 वार्डों में पूरा हो चुका है हर घर में नल का जल योजना

मंत्री ने कहा कि जिले के 3120 वार्डों 1784 वार्डों में पीएचईडी अप्रैल तक हर घर में नल का जल पहुंचाएगा। शेष वार्डों में ग्राम पंचायत को पहुंचाना है। अबतक 382 वार्डों में काम भी पूरा हो चुका है।

नाथनगर व सुल्तानगंज के दो लाख आबादी को मिलेगा शुद्ध पेयजल

नाथनगर और सुल्तानगंज प्रखंड के आर्सेनिक व फ्लोराइड प्रभावित गांवों के लिए गंगा वरदान साबित होगी। इन गांवों में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए 96 करोड़ की लागत से सुल्तानगंज में बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना का काम शुरू हो गया है। साल के अंत तक काम पूरा हो जाएगा। इस योजना के तहत गंगा तट पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाएगा। जलमीनार बना कर यहां से पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। इससे दोनों प्रखंड के तकरीबन दो लाख की आबादी लाभान्वित होंगे। इन्हें स्वच्छ पेयजल मिल सकेगा। ये बातें गुरुवार देर शाम भागलपुर पहुंचे लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) के मंत्री विनोद नारायण झा ने पत्रकारों से बातचीत में कही।

अप्रैल तक पूरा हो जाएगा लक्ष्य

मंत्री ने कहा कि इस साल गर्मी में लोगों को पेयजल संकट नहीं झेलना पड़ेगा। जिले के सभी घरों में सरकार नल का जल पहुंचाएगी। विधानसभा का सत्र बंद है। इसलिए सभी जिलों में हर घर नल का जल योजना की प्रगति की समीक्षा की जा रही है। 2020 तक हर घर नल का जल पहुंचाने का लक्ष्य है। भागलपुर समेत बिहार के सभी जिलों में अप्रैल तक इस लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा।

58 हजार घरों को किया गया है चिन्हित

कहलगांव और पीरपैंती प्रखंड में जो बाधाएं आ रही थी उसे दूर कर लिया गया है। 240 वार्डों के 58 हजार घरों को चिह्नित कर लिया गया है। इन घरों में अप्रैल तक नल का जल पहुंचा दिया जाएगा। इस मौके पर पूर्व सांसद अनिल यादव व विभाग के मुख्य अभियंता रमणजी झा मौजूद थे।


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