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बाली उम्र को लगा मीठा रोग, आप संभल जाइए... नहीं तो होगी परेशानी

लॉकडाउन के दौरान किशोर से लेकर युवा तक हुए मधुमेह पीडि़त। शिक्षण संस्थानों के बंद होने और पढ़ाई की चिंता ने बनाया शिकार। जेएलएनएमसीएच का आउटडोर छह माह से बंद था। 1305 मरीजों की जांच की गई। 103 लोग मधुमेह से पीडि़त मिले।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 10:37 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 10:37 AM (IST)
बाली उम्र को लगा मीठा रोग, आप संभल जाइए... नहीं तो होगी परेशानी
मधुमेह बीमारी : 16 से लेकर 35 वर्ष के लोग शामिल

जागरण संवाददाता, भागलपुर। कोरोना काल में बाली उम्र को लग गया मीठा रोग। इस दौरान युवा ही नहीं बल्कि किशोर भी मधुमेह से पीडि़त हुए हैं। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के आउटडोर विभाग में कराई गई जांच के बाद यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।

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कोरोना के कारण 24 मार्च से लॉकडाउन लगा दिया गया था। जिसके कारण जेएलएनएमसीएच का आउटडोर भी बंद कर दिया गया था। 12 अक्टूबर को आउटडोर विभाग खोले गए। लॉकडाउन में जहां रोजगार बंद रहा, वहीं शिक्षण संस्थान भी बंद रहे। इससे परेशान युवा मधुमेह से पीडि़त हो गए। इनमें 16 वर्ष से लेकर 35 वर्ष के युवा शामिल हैं। यह आंकड़ा चौकाने वाला है, क्योंकि अमूमन यह देखा गया है कि 50 वर्ष की उम्र के बाद ही लोग मधुमेह से पीडि़त होते हैं। छह माह बाद आउटडोर विभाग खुला तो मेडिसीन विभाग में इलाज करवाने वाले मधुमेह से ग्रस्त युवाओं की संख्या ज्यादा मिली। इनमें 16 वर्ष के लड़कों का इलाज इंसुलिन द्वारा किया जा रहा है।

घर में कैद रहने के कारण हुए पीडि़त

कोरोना की वजह से शिक्षण संस्थानों के बंद होने के साथ रोजगार की भी समस्या पैदा हुई। ऑनलाइन क्लास से पढ़ाई की कमी पूरी नहीं होने से छात्र भी तनाव में रहे। वहीं, शारीरिक श्रम नहीं होने की वजह से लोग मधुमेह से पीडि़त हो गए। चिकित्सकों के मुताबिक ज्यादातर छात्र तनाव में रहे, इसलिए भी कम उम्र में ही वे मधुमेह से ग्रस्त हुए। इन लोगों का मधुमेह लेवल 140 मिलीग्राम फीसद से ज्यादा मिला, जबकि सामान्य लोगों का शुगर लेवल 120 मिलीग्राम रहता है।

माह      कुल मरीज  मधुमेह से ग्रस्त

अक्टूबर   347            22

नवंबर     405             24

दिसंबर    397             29

नौ जनवरी तक  156       29

कुल 103 मरीजों में 90 मरीज 35 वर्ष और 13 मरीज 16 वर्ष के हैं।

घर में कैद रहने, शारीरिक श्रम नहीं करने और पढ़ाई की चिंता को लेकर तनाव में रहने से छात्र या युवा मधुमेह से पीडि़त हुए हैं। हालांकि यह चिंता की बात है कि 16 वर्ष से लेकर 35 वर्ष के युवा भी अब मधुमेह से ग्रस्त होने लगे हैं। दिनचर्या में सुधार की आवश्यकता है। - डॉ. एमएन झा, सह प्राध्यापक, मेडिसीन, जेएलएनएमसीएच


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