Move to Jagran APP

कोसी और गंगा ने धरे विकराल रूप, नवगछिया और कहलगांव क्षेत्र में दहशत Bhagalpur News

कहलगांव और नवगछिया के लोग बाढ़ की आशंका से दहशत में हैं। कोसी और गंगा ने विकराल रूप ले लिया है। सभी सहमे हुए हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 12:23 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 05:05 PM (IST)
कोसी और गंगा ने धरे विकराल रूप, नवगछिया और कहलगांव क्षेत्र में दहशत Bhagalpur News
कोसी और गंगा ने धरे विकराल रूप, नवगछिया और कहलगांव क्षेत्र में दहशत Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। भागलपुर के कहलगांव, पीरपैंती, घोघा आदि अलावा नवगछिया के पूरे क्षेत्र में बाढ़ आने की आशंका है। गंगा, कोसी सहित अन्‍य स‍हायक नदियां विकराल हो गई हैं। सभी दहशत में हैं। अधिकारी निरीक्षण कर कटाव रोकने का निर्देश संबंधति अधिकारी को दे रहे हैं। हर वर्ष इस क्षेत्र के लोग इस संकट से जूझते हैं। पूरा गांव का गांव पानी में विलीन हो जाता है। खेत सभी डूब जाते हैं। हालांकि यह स्थिति अभी नहीं हुई है, लेकिन कुछ ही दिनों में ऐसी संभावनाएं हैं कि भागलपुर व नवगछिया क्षेत्र में जलप्रलय हो जाए। इधर, सुल्‍तानगंज में भी गंगा का जलस्‍तर बढ़ने लगा है। इससे कांवरियों को परेशानी हो रही है।

loksabha election banner

नेपाल के कोसी बराज से पानी छोड़े जाने के बाद नवगछिया अनुमंडल के कोसी तटवर्ती गांवों में जलप्रलय की संभावना तेज हो गई है। कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि से खरीक और बिहपुर प्रखंड के आधे दर्जन से अधिक गांवों में भीषण कटाव शुरू हो गया है। गांवों के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है। यह देख गांवों से ग्रामीणों का पलायन शुरू हो गया है। अपने-अपने घरों से सामान निकाल कर दर्जनों परिवार सुरक्षित स्थान की तरफ निकल पड़े हैं।

अबतक दो दर्जन घर और सैकड़ों एकड़ जमीन कोसी में विलीन

बिहपुर की हरियो पंचायत के कहारपुर, गोविंदपुर, आहुति व बड़ीखाल और खरीक की लोकमानपुर पंचायत के लोकमानपुर, सिंहकुंड, मैरचा समेत कई गांव कोसी नदी से घिरा है। कहारपुर और सिंहकुंड में अबतक दो दर्जन घर-बासा और सैकड़ों एकड़ उपजाउ जमीन कोसी में विलीन हो चुकी है। जबकि कई घर और एक मध्य विद्यालय कटाव के मुहाने हैं। कोसी का पानी कटाव करते हुए तेजी से आबादी की तरफ बढ़ रहा है। कहारपुर में पानी की तीव्रता इतनी बढ़ गई कटावरोधी कार्य में जुटे मजदूरों ने भयवश काम करने से मना कर दिया है। जल संसाधन विभाग ने भी पोकलेन मशीन समेत कटावरोधी अन्य सामग्री को यहां से हटा लिया है। गांव को बचाने के लिए ग्रामीणों ने श्रमदान कर कोसी की धारा मोडऩे का भी प्रयास किया था। सिंहकुंड में कटाव के भय से मुकेश सिंह, मुरलीधर सिंह, सुनील सिंह, अशोक कुमार, लक्ष्मण साव, अनिल सिंह, गोपाल सिंह, जवाहर सिंह, ज्योति सिंह, शंभु सिंह, बिजेंद्र सिंह, शंभु राय, दिनेश राय समेत कई लोग गांव छोड़कर जा चुके हैं। जबकि कई लोग घर छोडऩे की तैयारी में हैं

कटावरोधी कार्य के लिए चक्का जाम करेंगे ग्रामीण

कहारपुर के सनातन सिंह, श्रीकर सिंह, दिव्यांशु कुमार, पूर्णेन्दू सिंह, मुरारी सिंह, पंकज सिंह, मेदो पासवान, अभिषेक सिंह सन्नी, अन्नी सिंह, मुखिया प्रतिनिधि पवन कुमार साह, गोविंदपुर के विजय, महेन्द्र, गुरुदेव आदि ग्रामीणों ने बताया कि कटाव रोकने की दिशा में जल संसाधन विभाग द्वारा ठोस कार्य नहीं किया जा रहा है। जबकि कटाव से हमलोगों की जान सांसत में है। विभाग का इस ओर ध्यान दिलाने के लिए अब बिहपुर प्रखंड कार्यालय का घेराव और एनएच-31 जाम किया जाएगा। कटाव निरोधी कार्य शुरू नहीं होने से लोकमानपुर, सिंहकुंड, मैरचा के ग्रामीणों में भी भारी आक्रोश है। ग्रामीण राज बहादुर सिंह, रामजीवन सिंह, राजेश कुमार, आदित्य देवी, रानी देवी, काजल कुमारी, लाखो कुमारी, अनिता, पूनम आदि ने कहा कि कई दिनों से पंचायत के विभिन्न हिस्सों में कटाव का तांडव जारी है। लेकिन अबतक तक एक भी जगह कटाव निरोधी कार्य शुरू नहीं हुआ है। गांव कटने के भय से लोगों की नींद उड़ी है। घर की चौखट पर बैठकर पूरी रात काटनी पड़ रही है। गांव के करीब कटाव में मिट्टी धंसने की आवाज सुन सिहर उठते हैं। लेकिन विभाग के अधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं। खरीक उतरी के जिला पार्षद गौरव राय ने जिला प्रशासन से तत्काल कटावरोधी कार्य शुरू कराने की मांग की है।

स्थिति नियंत्रण में, खतरे जैसे कोई बात नहीं

बिहपुर सीओ रतन लाल ने कहा कि यहां स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। दो से ढाई फीट तक जलस्तर बढऩे के बाद भी खतरे जैसी कोई बात नहीं है। फ्लड कंट्रोल नवगछिया के एसडीओ विजय कुमार अलबेला ने बताया कि स्थिति पर नजर रखने के लिए विभाग अधिकारी हरियो से नारायणपुर तक कोसी तटबंध पर कैंप कर रहे हैं। कोसी तटबंध पर खतरे जैसी कोई बात नहीं है। अगर तटबंध में कोई समस्या आती है तो उसे तत्काल दुरुस्त करा दिया जाएगा। जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि कटाव स्थलों का सर्वे करने के लिए अभियंताओं की टीम को भेजा गया है।

बैकठपुर दुधेला पंचायत में 50 घर गंगा कटाव के मुहाने पर

नारायणपुर प्रखंड की बैकठपुर दुधेला पंचायत में पिछले दो दिनों से गंगा का कटाव शुरू हो गया है। पंचायत के वार्ड तीन और चार के पचास घरों पर खतरा मंडराने लगा है। भय से लोगों ने घर तोड़कर हटाना शुरू कर दिया है। लोग अपने परिवार के साथ सुरक्षित ठिकानों पर जाने लगे हैं। ग्रामीण संजय मंडल, सुरेश मंडल, श्रवण मंडल, विलाश मंडल, पचिया देवी, गोरेलाल मंडल, हीरालाल मंडल, शंकर मंडल, धारो मंडल, बेचन मंडल, भैरो मंडल, विन्देश्वरी मंडल, कविता देवी, भोला मंडल, अशोक मंडल, घोघन मंडल, वेदव्यास मंडल ने बताया कि गत वर्ष भी यहां कटाव से भारी तबाही मची थी। इसके बावजूद कभी भी कटावरोधी कार्य नहीं किया गया। अबकी भी कटाव तेज है, जिसे रोका नहीं गया तो पूरी पंचायत कोसी में विलीन हो जाएगी। मुखिया अरविंद मंडल ने कहा कि कटाव के भय से लोग अपने-अपने घरों को तोड़कर सभी सामग्री लेकर सुरक्षित जगह पर जा रहे हैं।

जलस्तर मे वृद्धि, आठगांवा व पुरानी दियारा का एनएच संपर्क भंग

गंगा नदी के जलस्तर में हो रही वृद्धि से सहायक नदी घोघा नाला (मरगांग) भी उफान पर है। जिसके कारण रविवार की अहले सुबह ही अठगांवा व पुरानी दियारा का एनएच 80 व घोघा मुख्य बाजार से संपर्क भंग हो गया। प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी बढ़ते जलस्तर के साथ यहां के लोगों की समस्या भी बढऩे लगी है।

दियारा के गांवों में रहने वाले किसान, मजदूर पेशे के लोगों के साथ-साथ इस दोनों गांव के छात्र-छात्राओं का भी अब नाव के सहारे आने जाने पड़ रहा है। यह क्रम बाढ़ समाप्ति तक चलता रहेगा।

गए थे पैदल वापस नाव से आए : अठगांवा-पुरानी दियारा सहित आसपास के दियारा में रहने वाले लोग व किसान शनिवार को पैदल गए थे परंतु नदी के जलस्तर में तीव्र गति से वृद्धि होने के कारण रविवार को वापस नाव के सहारे आना पड़ा।

कहलगांव के तोफिल गांव में गंगा का भीषण कटाव शुरू

कहलगांव के तोफिल गांव में भीषण कटाव शुरू हो गया है। गंगा का जलस्तर बढऩे और कटाव शुरू होने से स्थिति भयावह होने लगी है। कटाव स्थल के पास खड़े गांव के ही मजदूर शंभु मंडल धसान के कारण नदी में गिर गया। हालांकि वह बाल-बाल बच गया। ग्रामीणों के प्रयास से उसे बचा लिया गया। वहीं कटाव के मुहाने पर स्थित करीब आधा दर्जन ग्रामीणों ने जान-माल की सुरक्षा के लिए सामान निकालकर घर को तोडऩा शुरू कर दिया है। लोग अपने सामान ट्रैक्टर ट्राली पर लाद कर अन्यत्र पलायन कर रहे हैं। कटाव को लेकर ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

पंचायत की मुखिया ललिता देवी एवं संजय मंडल ने कहा कि अगले वर्ष भी कटाव से करीब एक दर्जन घर गंगा में विलीन हो गए थे। अभी तक करीब 80 घर कट चुके हैं। प्रशासन एवं सरकार की ओर से कटाव से विस्थापित हुए परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की गई है। वहीं भीषण कटाव की सूचना मिलते ही अनुमंडल पदाधिकारी सुजय कुमार सिंह और अंचलाधिकारी मो. मोइनुद्दीन के साथ तोफिल गांव पहुंचे और कटाव स्थल का निरीक्षण कर ग्रामीणों से बात की। कटाव स्थल से ही एसडीओ ने बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता एवं कार्यपालक अभियंता से बात कर स्थिति से अवगत कराते हुए कटाव निरोधक कार्य शुरू करने की बात कही।

एसडीओ ने रानी दियारा एवं टपुआ में कटाव स्थल का भी निरीक्षण कर ग्रामीणों से बात की। एसडीओ ने कहा कि तोफिल एवं टपुआ में कटाव शुरू हुआ है। विभाग एवं जिले के आलाधिकारियों को स्थिति से अवगत करा दिया है। गंगा कटाव निरोधक संघर्ष समिति ने बटेश्वरस्थान से खबासपुर तक अविलंब कटाव निरोधक कार्य शुरू करने की मांग की है।

बाढ़ पूर्व तैयारियों की एसडीओ ने की समीक्षा

कहलगांव के अनुमंडल पदाधिकारी सुजय कुमार सिंह ने अनुमंडल स्तरीय बीडीओ और अंचलाधिकारी के साथ बैठक कर बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा की। एसडीओ ने बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित परिवारों की सूची तैयार करने, बाढ़ पीडि़तों के लिए शिविर स्थल का चयन, नावों का अधिग्रहण, स्वास्थ्य सेवा, राहत आदि की जानकारी ली और बाढ़ आने के पूर्व सारी तैयारियां पूरी करने का निर्देश दिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.