JLNMCH बना दलालों का अड्डा, दवा और जांच के नाम पर भी होती है यहां वसूली
भागलपुर सहित आसपास के क्षेत्र का एक मात्र अस्पताल जेएलएनएमसीएच। जहां कागज पर तो सारी सुविधाएं, बेहतर डॉक्टर, उन्नत व्यवस्था सब दिखती है, लेकिन हकीकत कुछ और।
भागलपुर (जेएनएन)। जेएलएनएमसीएच दलालों का अड्डा बन गया है। अस्पताल के कुछ कर्मचारियों के अलावा इंटर्न द्वारा मरीजों का आर्थिक दोहन किया जा रहा है। वहीं बाहरी लोग भी अस्पताल में अक्सर देखे जा रहे हैं। कम पैसे में दवा और जांच के नाम पर पैसों की वसूली करते हैं। कर्ज लेकर इलाज करवाने वाले मरीजों को दोगुनी राशि चुकता करनी पड़ती है। अस्पताल में अधिकांश इलाज करवाने वाले निर्धन तबके के और अनपढ़ होते हैं। ऐसे में सीधे तौर पर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही उजागर होती है। यह इसलिए भी कि अस्पताल में प्रत्येक विभाग में सुरक्षा गार्ड और स्वास्थ्य प्रबंधक हैं फिर भी दलाल सक्रिय हैं।
जांच के नाम पर वसूली राशि
पांच दिसंबर की रात को भी आर्थिक दोहन का शिकार हुए मरीजों ने इमरजेंसी के कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज करवाई है। सबौर निवासी धीरज कुमार मंडल ने लिखित शिकायत में कहा है कि उसकी पत्नी चांदनी देवी स्त्री रोग विभाग में भर्ती है। एक अज्ञात व्यक्ति ने मरीज के बारे में पूरी जानकारी ली। पर्ची देखने के बाद बोला कि जांच करवाने में ज्यादा खर्च लगेगा। उसने मोबाइल से किसी व्यक्ति से बात कर बताया कि दो हजार रुपये में सारी जांच हो जाएगी। मुझसे दो हजार रुपये ले लिए। वहीं बौंसी के शैलेंद्र मिश्र ने भी दवा के नाम पर पंद्रह सौ रुपये लेने का लिखित आरोप लगाया।
मरीज के परिजनों के सामान की होती है चोरी
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक आधी रात के बाद इनडोर विभाग में सोए मरीज के परिजनों का मोबाइल भी चोरी हो जाती है। कोई बहाना बनाकर मरीज के परिजनों को बाहर निकालकर पैसे भी छीन लेता है। अनपढ़ और निर्धन परिजन भय से किसी से नहीं कहते जबकि रात में भी सुरक्षा गार्ड रहते हैं। हालांकि सुरक्षा गार्ड द्वारा ही पांच दिसंबर की रात को शंका होने के बाद एक व्यक्ति को पुलिस के हवाले किया गया। अस्पताल परिसर में वाहन पार्किंग को छोड़कर अन्य स्थानों में रखे मोटरसाइकिल भी आए दिन चोरी होती रहती हैं। दो सप्ताह पूर्व एक व्यक्ति की मोटरसाइकिल चोरी होने के बाद वह खुदकशी के लिए अस्पताल परिसर में स्थित बोरिंग की छत पर भी चढऩे का प्रयास कर चुका है।
दवा रहने के बावजूद बाहर से लाने कहते हैं
लेबर और प्रसव विभाग में ऐसे कई उदाहरण हैं जब अस्पताल में दवा रहते हुए भी परिजन से इंटर्न तीन से चार हजार रुपये की दवा मेडिकल स्टोर से खरीदवाते हैं। अस्पताल से छुट्टी मिलने के पूर्व पहले खरीदी गई दवाएं इंटर्न देख लेते हैं तब मरीजों को छुट्टी के कागजात देते हैं। अस्पताल अधीक्षक से लेकर विभागाध्यक्ष तक इंटर्न को चेतावनी भी दी गई है। साथ ही सूचना भी चिपकाई गई है कि सारी दवाएं अस्पताल में उपलब्ध हैं। कई इंटर्न से स्पष्टीकरण भी पूछा गया है। हालांकि अन्य विभागों में भी लगभग मरीजों से महंगी दवाएं खरीदवाई जाती हैं। इसके एवज में बतौर कमीशन मिलता है।
जेएलएनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राम चरित्र मंडल ने कहा कि विभागों में 'दलालों से सावधान' सूचना चिपकाई गई है। इसके अलावा अब स्वास्थ्य प्रबंधकों से माइक से यह भी प्रचार करवाया जाएगा कि मरीज और उनके परिजन किसी भी अज्ञात व्यक्ति के चंगुल में नहीं फंसे। अस्पताल में जांच की लगभग सारी सुविधाएं और दवाएं उपलब्ध हैं।