परिवर्तन रैली : महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध की कोशिश
भाजपा के लिए अपेक्षाकृत कठिन क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिवर्तन रैली में उमड़े जन-सैलाब का चुनाव परिणामों पर कितना असर पड़ेगा, यह तो समय बताएगा, लेकिन इस रैली ने पूर्व बिहार के राजनीतिक क्षेत्र में अपनी जोरदार धमक दर्ज कराई है।
भागलपुर [किशोर झा]। भाजपा के लिए अपेक्षाकृत कठिन क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिवर्तन रैली में उमड़े जन-सैलाब का चुनाव परिणामों पर कितना असर पड़ेगा, यह तो समय बताएगा, लेकिन इस रैली ने पूर्व बिहार के राजनीतिक क्षेत्र में अपनी जोरदार धमक दर्ज कराई है। प्रभावशाली भाषण और हाल के दिनों में क्षेत्र के लिए की गई कई घोषणाओं से मोदी यह संकेत देने में सफल रहे कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली शिकस्त के बावजूद यह क्षेत्र उनकी और पार्टी की प्राथमिकता में है।
इसमें शक नहीं कि पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल में जातीय और सांप्रदायिक समीकरण के कारण महागठबंधन के घटक दलों की स्थिति शुरू से मजबूत रही है। भागलपुर में दंगे के बाद शहर में भाजपा को करीब तीन दशक तक बेशक सफलता मिली, लेकिन पिछले साल लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा। खास बात यह भी रही कि लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में भागलपुर व कोसी-सीमांचल में रैली की थी, लेकिन चुनाव परिणाम में इसका उन्हें फायदा नहीं मिल सका था।
विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र में 60 सीटें हैं, जो सरकार गठन में निर्णायक साबित हो सकती हैं। महागठबंधन के प्रभाव वाले इस क्षेत्र में यदि राजग सेंध लगा ले तो उसे निर्णायक फायदा मिल सकता है। राजग को इसका अहसास है, इसलिए वह कोई कसर छोडऩा नहीं चाहता है। रैली को सफल बनाने के लिए राजग नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी थी, जिसमें उन्हें अपेक्षित सफलता भी मिली है।
प्रधानमंत्री भी इस क्षेत्र के महत्व को समझते हैं, इसलिए उन्होंने यहां अपने संबोधन में जाति-संप्रदाय की राजनीति करने वालों को निशाने पर रखते हुए उन्हें बिहार के पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार करार दिया। उन्होंने इस रैली के माध्यम से विधानसभा चुनाव में जाति व संप्रदाय के बदले विकास को मुद्दा बनाने का प्रभावी प्रयास किया है।
हालांकि, खुद इलाके से संबंधित लंबित महत्वपूर्ण घोषणाओं-डीआरएम कार्यालय की स्थापना, हवाई यात्रा शुरू करने तथा फूड पार्क की स्थापना जैसे मसले पर कुछ नहीं बोले। अलबत्ता उन्होंने प्रदेश के इस पिछड़े इलाके की कमजोर नस बेरोजगारी का जिक्र करते हुए युवाओं के लिए रोजगार के अवसर दिलाने की बात कर रैली में उमड़े युवाओं को लुभाने की कोशिश की।
भागलपुर को स्मार्ट सिटी बनाने, बाइपास के लिए धन स्वीकृत करने, आइटी पार्क का निर्माण, मेडिकल कॉलेज में सुविधा बढ़ाने तथा विक्रमशिला केंद्रीय विश्वद्यिालय की स्थापना जैसी घोषणाएं कर केंद्र सरकार व राजग ने परिवर्तन रैली से पहले ही इलाके के लोगों को अपनी ओर से विकास, सद्भावना और अपनेपन का संदेश देकर राजग के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की थी।
रैली में उमड़ी उत्साही युवाओं की भीड़ ने प्रधानमंत्री और राजग को फिलहाल खुश होने का अवसर भी दिया है, हालांकि लोकसभा चुनाव से पूर्व भी मोदी की रैली में काफी लोग आए थे। अत: सिर्फ भीड़ के आधार पर चुनाव परिणाम के बारे में कोई निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा।