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30वां शहादत दिवस : सफदर हाशमी को नाटककार और साहित्‍यकारों ने दी श्रद्धांजलि Bhagalpur News

हर वर्ष की तरह इस साल भी प्रसिद्ध नुक्कड़ नाटककार सफदर हाशमी के शहादत दिवस पर स्टेशन चौक पर नुक्कड़ नाटक और गीत-संगीत का का आयोजन हुआ।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 11:53 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 11:53 AM (IST)
30वां शहादत दिवस : सफदर हाशमी को नाटककार और साहित्‍यकारों ने दी श्रद्धांजलि Bhagalpur News

भागलपुर, जेएनएन। हर वर्ष की तरह इस साल भी प्रसिद्ध नुक्कड़ नाटककार सफदर हाशमी के शहादत दिवस पर स्टेशन चौक पर नुक्कड़ नाटक और गीत-संगीत का का आयोजन हुआ। इस बार 30वां शहादत दिवस मनाया गया। प्रो. चंद्रेश ने कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी दी। इसके बाद प्रो. उदय मिश्र ने नुक्कड़ नाटक के क्षेत्र में सफदर हाशमी के योगदान व आज की परिस्थिति के बारे में विस्तार से बताया।

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उन्होंने कहा कि सफदर ने नुक्कड़ नाटक को आमजन से जोडऩे और इस नाट्य रूप को पहचान दिलाने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। इसलिए आज हमारी यह जवाबदेही है कि उस काम को हम आगे बढ़ाएं। उसके बाद आलय के चैतन्य ने महान शायर फैज अहमद फैज की न नज्म की प्रस्तुति दी।

इप्टा के संजीव कुमार दीपू के नेतृत्व में कलाकारों ने समूह स्वर में गीत गाया। प्रवीर ने सफदर रचित खिलती कलियां का सस्वर पाठ किया। दिशा के उदय ने शलभ श्रीराम सिंह की कविता पढ़ी। उसके बाद सफदर की प्रसिद्ध कविता पढऩा, लिखना सीखो का सामूहिक रूप से पाठ किया गया।

इस दौरान संबंध संस्था के कलाकारों ने शिवराम लिखित प्रसिद्ध नुक्कड़ नाटक जनता पागल हो गई है की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का समापन हम होंगे कामयाब गीत से हुआ। अरुण मिश्र ने भी विचार रखे। संचालन साहिल सिंह ने किया।


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