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खेती पर संकट : किसानों को आ रहा रोना, टकटकी लगाकर देख रहे आकाश, सूखने लगी धान की फसल Bhagalpur News

भागलपुर जिले में 30 अगस्त तक का समय धान रोपनी के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है। लेकिन इस बार वर्षा के अभाव में धान की रोपनी के प्रभावित होने के संकट गहरा चुका है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 08:40 AM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 08:40 AM (IST)
खेती पर संकट :  किसानों को आ रहा रोना, टकटकी लगाकर देख रहे आकाश, सूखने लगी धान की फसल Bhagalpur News
खेती पर संकट : किसानों को आ रहा रोना, टकटकी लगाकर देख रहे आकाश, सूखने लगी धान की फसल Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। जिले में लगातार कम बारिश होने की वजह से इस साल धान की फसल पर संकट मंडराने लगा है। हल्की बारिश और इसके बाद कई दिनों तक लगातार तेज धूप और उमस भरी गर्मी के कारण खेतों में लगे धान की फसल सूखने लगे हैं। वर्षा के अभाव में बड़े भू-भाग पर रोपनी के प्रभावित होने की भी आशंका है। किसान निजी नलकूप और बोरिंग के पटवन के लिए मजबूर हो रहे हैं।

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जिले में 30 अगस्त तक का समय धान रोपनी के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है। लेकिन इस बार वर्षा के अभाव में धान की रोपनी के प्रभावित होने के संकट गहरा चुका है। एक माह में जिले में औसत से काफी कम वर्षा हुई है। दो माह में सामान्य से 16 फीसद कम बारिश होने से सूखे की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसी स्थिति में डीजल अनुदान वितरण की नौबत आने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। 52 हजार हेक्टेयर में धान रोपनी का लक्ष्य है। लेकिन अबतक 38, 500 हेक्टेयर में धोन की रोपनी हुई है। धान की रोपनी के लिए लगातार अच्छी बारिश की जरूरत होती है। लेकिन काफी कम बारिश होने से खेतों में लगे धान की फसल सूखने लगे हैं। तीखी धूप के कारण धान के पौधे में कई तरह की बीमारियां होने की संभावना बढ़ गई है। झौका, ब्लास्ट, हरदा, झुलसा आदि रोगों से प्रभावित हो सकता है। इन रोगों का उपचार है लेकिन जागरूकता की कमी से किसानों को नुकसान पहुंचा सकता है।

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार झुलसा रोग में टायसाइक्लोजोल, हरदा रोग के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड, तनाछेदन रोग के लिए कारटोप हाइड्रोक्लोराइड निर्धारित मात्रा में उपयोग कर फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है।

इधर, सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग के सचिव एन. श्रवण कुमार ने डीएम और जिला कृषि पदाधिकारी को डीजल अनुदान वितरण कार्यक्रम में तेजी लाने का निर्देश दिया है। इसमें उच्चतम प्राथमिकता देकर गुणवत्ता के साथ लागू करने को कहा है।

कृष्णकांत झा (जिला कृषि पदाधिकारी, भागलपुर) ने कहा कि लक्ष्य के 74 फीसद भू-भाग में धान की रोपनी हो चुकी है। मौसम के शुरूआत में अच्छी बारिश हुई। अगस्त में काफी कम वर्षा होने के साथ पंद्रह-बीस दिनों से तेज धूप और उमस भरी गर्मी से धान की फसल सूखने लगा है। सूखाड़ की संभावना बढ़ गई है।


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