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हाथी के दांत बन गया आक्सीजन प्लांट: CM नीतीश ने पूर्णिया में किया था उद्घाटन, लेकिन नहीं बहाल हुए आपरेटर्स

पूर्णिया में CM नीतीश ने आक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया था लेकिन लाखों-करोड़ों की लागत से बना ये प्लांट अब सिर्फ हाथी दांत बनकर रह गया है। आक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। अस्पताल प्रशासन ये कहकर पल्ला झाड़ लेता है कि आपरेटर नहीं है।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 07:06 AM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 07:06 AM (IST)
हाथी के दांत बन गया आक्सीजन प्लांट: CM नीतीश ने पूर्णिया में किया था उद्घाटन, लेकिन नहीं बहाल हुए आपरेटर्स
सीएम नीतीश कुमार ने किया था आक्सीजन प्लांट का उद्घाटन

जागरण संवाददाता, पूर्णिया: दूसरी लहर के दौरान उखड़ती सांसों और दम तोड़ते लोग का भयावाह मंजर अभी लोगों के जेहन में है। उसी समय से जिले में आक्सीजन प्लांट जिला अस्पताल जो अब अपग्रेडेड होकर राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल हो गया की नींव रखी गई थी। जो बन कर तैयार भी हो गए और उसका उद्घाटन तक हो चुका है। बनमनखी अनुमंडल अस्पताल में आक्सीजन प्लांट बन कर तैयार है जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया है। अबतक जिले में आक्सीजन प्लांट से आक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो सकी है। अब अस्पताल प्रशासन आपरेटर की कमी का हवाला देकर अपनी जान छुड़ा रहे हैं। वहीं ये आक्सीजन प्लांट सफेद हाथी दांत बन कर रह गए हैं।

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आखिर आक्सीजन प्लांट तैयार है लेकिन आपरेटर नहीं होने के कारण इससे आक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो रही है। यही हाल बनमनखी अनुमंडल अस्पताल स्थित आक्सीजन प्लांट का भी है। तीसरे लहर की आशंका के बीच अब एक बार फिर लोगों आक्सीजन प्लांट का ख्याल आया है। यहां पर मरंगा स्थिति प्लांट से ही सभी अस्पताल को आक्सीजन की आपूर्ति होती है। मरीजों की संख्या बढ़ने लगती है तो केवल इस प्लांट से आपूर्ति संभव नहीं होता है। ऐसी स्थिति में प्लांट इस कमी को दूर कर सकता है। इसके बावजूद विभागीय लापरवाही लोगों के जान के साथ खिलवाड़ ही है। अस्पताल परिसर में दो -दो आक्सीजन प्लांट की योजना थी जिसमें अभी एक ही तैयार है।

दूसरा अभी तैयार हालत में भी नहीं है। एक ट्रामा सेंटर के पास है। दूसरा आउटडोर के पास है। प्लांट की टेस्टिंग तक हो गई है लेकिन अबतक आपरेटर तक बहाल नहीं किया जा सका है। आक्सीजन प्लांट एक मिनट में एक हजार लीटर आक्सीजन आपूर्ति की क्षमता रखता है। ऐसी स्थिति में अगर तीसरी लहर आती है तो विभागीय तैयारी की हालत को समझी जा सकती है। ना ही मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में ही प्लांट के संचालन को लेकर गंभीरता नजर आती है और ना ही बनमनखी अस्पताल में ही किसी तरह की सजगता है। प्लांट का शुभारंभ पीएम और सीएम के स्तर पर हुआ था। जिला अस्पताल परिसर में उस समय एक सांसद फंड से प्लांट की स्थापना हुई थी। उदासीनता के अभाव में आखिर अब इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।


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