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टीएनबी समेत अन्य लॉ कॉलेजों पर 12 अप्रैल को होगी हाइकोर्ट में सुनवाई, जानिए... क्‍या है मामला

बिहार के लॉ कानून स्थिति में सुधार होने की उम्‍मीद है। 12 अप्रैल को होने वाली है हाइकोर्ट में सुनवाई। एसएससी और बीएसयूएससी को भी पार्टी बनाने का दिया था आदेश। 22 मार्च को हुई सुनवाई में कोर्ट ने नामांकन रोकने का फैसला सुनाया था।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 01:57 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 01:57 PM (IST)
टीएनबी समेत अन्य लॉ कॉलेजों पर 12 अप्रैल को होगी हाइकोर्ट में सुनवाई, जानिए... क्‍या है मामला
भागलपुर का टीएनबी लॉ कॉलेज। संसाधनों की स्थिति में सुधार हो सकता है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। हाईकोर्ट के संज्ञान के बाद टीएनबी लॉ कॉलेज समेत सूबे के अन्य विधि महाविद्यालयों में संसाधनों की स्थिति में सुधार हो सकता है। संसाधनों के अभाव में कोर्ट ने नामांकन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा सूबे के सभी लॉ कॉलेजों के निरीक्षण के बाद आदेश जारी किया है।

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22 मार्च को हुई थी सुनवाई

इसकी अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी। 22 मार्च को हुई सुनवाई में कोर्ट ने नामांकन रोकने का फैसला सुनाया था। शिक्षकों और कर्मियों की कमी से जूझ रहे लॉ कॉलेजों की स्थिति को लेकर कोर्ट ने इस मामले में बिहार स्टेट यूनिवर्सिटी सर्विस कमीशन और स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन को भी पार्टी बनाने को कहा है। दोनों कमीशन के माध्यम से ही कर्मियों और शिक्षकों की बहालियां होनी है।

राज्य सरकार करेगी कर्मियों की बहाली

दरअसल, सूबे के किसी भी विश्वविद्यालय में कर्मियों की नियुक्ति का जिम्मा सरकार ने लिया है। राज्य शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय को कर्मिचारियों की नियुक्ति करने पर रोक लगा दिया है। उनके द्वारा कहा गया है कि ये नियुक्तियां सरकार स्तर से ही होगी। ऐसे में अब तक मामला ठंडे बस्ते हैं।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के मानक पर नहीं उतरे कॉलेज

हाल ही में हाईकोर्ट के आदेश के बाद सूबे के सभी लॉ कॉलेजों की जांच कराई गई थी। टीम लॉ कॉलेज भी पहुंची थी। जहां संसाधन के अभाव पर टीम के लोगों ने टिप्पणी दी थी। उन्होंने कहा था कि इतने कम संसाधनों में मान्यता कैसे दी जा सकती है। इसी प्रकार सूबे के अन्य लॉ कॉलेजों में भी टीम ने निरीक्षण किया। जिसकी विस्तृत रिपोर्ट टीम लेकर गए।

कॉलेजों को आदेश का इंतजार

ऐसे में रिपोर्ट देखने के बाद हाई कोर्ट ने भी संसाधन को लेकर टिप्पणी करते हुए नामांकन पर रोक लगा दी है। अब 12 अप्रैल को होने वाली सुनवाई पर सबकी नजर है कि कोर्ट लॉ कॉलेज में नामांकन को लेकर क्या निर्णय देती है। तभी आगे की प्रक्रिया कॉलेजों द्वारा शुरू की जाएगी।


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