पूर्णिया स्वास्थ्य विभाग में अब आपरेटर घोटाला, आरटीपीसीआर में बहाल कर्मी का मामला
एसएचएस के कार्यपालक निर्देशक ने सभी छह आपरेटर को हटाने का दिया निर्देश। आपरेटर को संविदा पर बहाल करने की परिस्थिति के संबंध में पूछा स्पष्टीकरण। डीएचएस ने सभी छह आपरेटर को हटाने के बजाय प्रखंड पीएचसी में किया पदस्थापित।
दीपक शरण, पूर्णिया। स्वास्थ्य विभाग में अब आपरेटर बहाली घोटाला सामने आ गया है। ताजा प्रकरण आरटी पीसीआर लैब में छह आपरेटर की संविदा पर बहाल करने के संबंध में है। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निर्देशक संजय कुमार सिंह ने आरटी पीसीआर के लिए जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा छह आपरेटर की बहाली पर स्पष्टीकरण पूछा है। आखिर किस परिस्थिति में इतने आपरेटर को एक साथ संविदा पर बहाल किया जाता है जबकि जिले में पहले से आपरेटर मौजूद हैं। यह मामला आपरेटर को छह माह के भुगतान के संबंध में सामने आया है। जिला स्वास्थ्य समिति ने उक्त आपरेटर को अब आरटी पीसीआर से हटाकर प्रखंड पीएचसी में स्थानांतरित कर दिया है। डीएचएस के निर्देश पर छह माह पूर्व ही सभी छह आपरेटर की संविदा पर बहाली आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से की गई थी। अब इस पर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निर्देशक सवाल उठाया है और स्पष्टीकरण पूछा है।
एक सप्ताह में मामले में जवाब समर्पित करने का दिया निर्देश
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निर्देशक ने पत्र जारी कर एक सप्ताह के अंदर स्पष्टीकरण समर्पित करने का निर्देश दिया है। जिला स्वास्थ्य समिति ने स्पष्टीकरण समर्पित करने से पहले ही आरटी पीसीआर में कार्यरत सभी छह आपरेटर को तत्काल प्रखंड स्तर पर सेवा स्थानांतरित करने संबंधित पत्र जारी कर दिया है। आखिर सभी आपरेटर जिसको हटाने का निर्देश दिया गया है उसको फिर अगले आदेश से प्रखंड में स्थानांतरित कैसे किया जा सकता है।
कैसे सामने आया मामला
यह पूरा मामला आरटी पीसीआर लैब में बहाल छह डेटा आपरेटर के भुगतान के संबंध में उठा। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने इस संबंध में सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव जिला स्वास्थ्य समिति को पत्र जारी कर जनवरी 2022 के उपरांत उक्त छह आपरेटर की सेवा समाप्त करते हुए जिला अस्पताल में कार्यरत अन्य डाटा आपरेटर के माध्यम से उक्त कार्य कराने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही पत्र प्राप्ति के साथ एक सप्ताह के अंदर स्पष्टीकरण समर्पित करने को कहा गया और पूछा गया है कि किस परिस्थिति और किसके अनुमोदन से छह डाटा आपरेटर की सेवा आरटी पीसीआर लैब के लिए ली गई जबकि इतनी संख्या में डाटा आपरेटर रखने का कोई औचित्य नहीं था।
सभी आपरेटर की एजेंसी भी बदली गई
छह आपरेटर की बहाल करने वाली पूर्व एजेंसी को एक पत्र जारी कर बदल दिया गया है। दरअसल 17 जनवरी के प्रेषित उक्त पत्र के आलोक में सिविल सर्जन पूर्णिया ने सभी छह आपरेटर को हटा तो लिया लेकिन उनको बायसी, धमदाहा, श्रीनगर प्रखंड के पीएचसी में स्थानांतरित कर दिया। यह पत्र 19 जनवरी को जारी किया जाता है। इसमें उक्त आपरेटर जो पहले उर्मिला इंटरनेशनल सर्विसेज प्रालि पटना के संबंद्ध था उसको संजीवनी कार्यक्रम के अंतर्गत संबंद्ध कर दिया जाता है। धमदाहा के पदस्थापित डेटा आपरेटर की सेवा 18 जनवरी के दिनांक में समाप्त कर दी जाती है। सिविल सर्जन ने इसको महज संयोग बताया है। सीएस ने स्पष्ट किया है कि रियल टाइम डेटा इंट्री और विभिन्न वर्गों के टीकाकरण कार्य के लिए उनको आपरेटर की आवश्यकता है। इसलिए सभी आपरेटर को प्रखंड स्थित स्वास्थ्य केंद्रों भेजा गया है। इसमें किसी तरह से निर्देश की अवमानना नहीं हुई है। समय-समय पर बड़ी संख्या में आपरेटर संक्रमित हो जाते हैं कार्य जारी रखने के लिए उनको आपरेटर की आवश्यकता होती है। एक आपरेटर से 12 घंटा तो कार्य नहीं लिया जा सकता है।
दूसरे लहर में आरटी पीसीआर लैब में जिले में प्रारंभ करना था। 24 घंटा संचालित करने के लिए मानव बल की आवश्यकता थी। पहला मौका था इसलिए पिछला अनुभव भी नहीं था। महामारी के दौरान लोगों को सुविधा तुरंत पहुंचाने के लिए आपरेटर की बहाली हुई थी। प्रखंड स्तर पर उन आपरेटर को स्थानांतरित करने के लिए उनके पास विभाग का पत्र है। रियल टाइम डाटा इंट्री के लिए आपरेटर का पर्याप्त संख्या में होना आवश्यक है। - डा. एसके वर्मा, सिविल सर्जन