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खगड़िया में नामचीन चिकित्‍सकों का बोर्ड में नाम लगा कर फर्जी अस्पतालों का संचालन, स्‍वास्‍थ्‍य के साथ खिलवाड़

खगड़िया जिला में नामचीन चिकित्सकों के नामों का उपयोग स्वास्थ्य माफिया कर रहे हैं। ऐसे चिकित्सक उक्त फर्जी अस्पताल में जाते तो नहीं हैं परंतु उन्हें बंधी-बंधाई रकम मिल जाती है। निजी अस्‍पताल संचालक रोगी के स्‍वजनों ने मोटी रकम ऐठ लेते हैं।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 02:52 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 02:52 PM (IST)
स्वास्थ्य माफिया पर नकेल कसने में विभाग की दिलचस्पी नहीं

जागरण संवाददाता, खगडिय़ा । संपूर्ण जिले में नामचीन चिकित्सकों का बोर्ड लगाकर कई नर्सिंग होम, निजी अस्पताल, क्लिनिक और जांचघर आदि का अवैध संचालन हो रहा है। बीच-बीच में कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति होती है। ऐसे अस्‍पताल मरीजों के स्‍वास्‍थ्‍य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इलाज के नाम पर उनके पैसे भी ठगे जा रहे हैं।

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बता दें कि इस धंधे में कुछे नामचीन चिकित्सकों के नामों का उपयोग स्वास्थ्य माफिया करते हैं। ऐसे चिकित्सक उक्त फर्जी अस्पताल में जाते तो नहीं हैं, परंतु उन्हें बंधी-बंधाई रकम मिल जाती है और स्वास्थ्य माफिया का काम चल जाता है।

जच्‍चा बच्‍चा की मौत पर मामला आया था सामने

बीते दिनों महेशखूंट के सहरसा रोड में एक जच्चा-बच्चा की मौत बाद ऐसे अस्पताल के धंधे का पर्दाफाश हुआ। इसको लेकर महेशखूंट थाना में मामला भी दर्ज हुआ, लेकिन सभी आरोपित पुलिस पकड़ से बाहर हैं। सूत्रों की माने तो आरोपित पुलिस से तालमेल बैठाने में लगे हुए हैं। ऐसे अस्पताल संचालकों की ओर से दलाल खड़े किए जाते हैं, जिनके संपर्क सरकारी अस्पतालों से लेकर गांव की गलियों तक में है। मरीज को ऐसे अस्पतालों तक पहुंचाने वालों को एक बंधी-बंधाई राशि मिलती है। 12 जनवरी को सहरसा रोड, महेशखूंट स्थित टाटा इमरजेंसी अस्पताल में एक जच्चा-बच्चा की मौत बाद इस तरह के अस्पताल संचालन का पर्दाफाश हुआ।

जिप सदस्‍य और भाजपा नेता ने ध्‍यान कराया था आकृष्‍ट

जिला परिषद सदस्य चंदन कुमार, भाजपा नेता कुंवर सिंह आदि ने विभागीय अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है तथा कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इधर रेफरल अस्पताल गोगरी के चिकित्सा प्रभारी डॉ. एससी सुमन ने बताया कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी। मालूम हो कि छह नवंबर 2020 को डॉ. एससी सुमन के नेतृत्व में कई नर्सिंग होम व जांच घर की जांच की गई थी, लेकिन मामले में क्या कार्रवाई हुई, यह बताने वाले कोई नहीं है।

क्‍या कहते हैं सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि टाटा इमरजेंसी अस्पताल का रजिस्ट्रेशन केंसिल कर दिया गया है। उस अस्पताल को दो डॉक्टरों की सहमति प्राप्त थी, लेकिन वे डॉक्टर वहां समय नहीं देते थे। इसको लेकर एसपी को भी लिखा गया है। रेफरल अस्पताल गोगरी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को भी निर्देशित किया गया है।


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